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संस्कृतटीका-भाषाटीकासमेतः। (५) अर्थ-१८ में कन्यालामालाभप्रश्नमें धरी हुई या विवाहिता कन्या मिलेगी, इसका विचार, १९ में विषकन्याप्राप्तिके योग जिस तरह होता है, उसका कथन, २० में भावके अन्तमें स्थित ग्रह जिसप्रकार फल करता है, उसका विचार, २१ में विवाहादिक विचार करेंगे ॥ ६ ॥
वक्तव्यता विवादस्य संकीर्णपदनिर्णयः ।। निश्चयो दीप्तपृच्छासु पथिकस्य गमागमौ ॥७॥
सं० टी०-विवादस्य विवादिनः वक्तव्यता २२, संकीर्णपदनिर्णयः २३, दीप्तपृच्छासु धातुवादादिपृच्छासु निर्णयः २४, पथिकस्य गमागमौ २५ ॥७॥ __ अर्थ-२२ में विवाद अर्थात् युद्धादिमें जय पराजयका कथन, २३ में संकीर्णपदका विचार, २४ में दीत (क्रूर) या धातुवादा. दिक प्रश्नमें संदिग्ध वस्तुओंका निश्चय, २५ में प्रवासी मनुष्यका गमागम ( जाने आने ) का विचार करेंगे ॥ ७ ॥ मृत्युयोगो दुर्गभङ्गश्चौर्यादिस्थानसप्तकम् ॥ क्रयणकार्यविज्ञानं नौमृत्युबन्धनत्रयम् ॥ ८॥
सं० टी०-मृत्युयोगः २६, दुर्गभंगः कोटभंगः २७, चौर्यादिस्थानसप्तकम् २८, ऋयणकार्यविज्ञानं समर्घस्वरूपम् २९, नौमृत्युबन्धनानां त्रयं नौकुशलताधरणकादि ३० ॥ ८ ॥
"Aho Shrut Gyanam"