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श्री इन्द्रलाल शास्त्री विद्यालंकार ( सम्पादक 'अहिंसा ) __ भामाशाह नाटक भी 'सुधेश' जी ने लिखा है। ऐसे साहित्य की सदैव आवश्यकता रहती है । भामाशाह एक अतुल दानी और महाराणा प्रताप के दक्षिण हस्त थे। ऐसे महान् पुरुष को चरित्र नायक बना नवीन साहित्य का निर्माण धन्यवादाह है। जयपुर,
-इन्द्रलाल शास्त्री विद्यालंकार
श्री मुनि कान्तिसागर जी ( सुप्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता)
'आपने अच्छा विषय चुना है।' भोपाल,
-मुनि कान्तिसागर
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