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(८४) १४- सात कंकड़ी लेकर प्रत्येक को २१ बार ऋद्धि-मन्त्र द्वारा मंत्रित करके चारों ओर फेंकने से तथा यन्त्र अपने पास रखने से व्याधि, शत्रु आदि का भय नष्ट हो जाता है, लक्ष्मी प्राप्त होती है तथा वात रोग नष्ट होता है।
१५-ऋद्धि मंत्र द्वारा २१ बार तेल मंत्रित करके उस तेल को मुख पर लगाने से राजदरबार में प्रभाव बढ़ता है, सौभाग्य और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है । १४ दिन तक लाल माला.से १००० जाप करना चाहिए। दशांग धूप खेनी चाहिए। एक बार भोजन करना चाहिए।
१६-हरी माला से प्रतिदिन १००० ऋद्धि-मन्त्र का जाप : दिन तक करे, कन्दरू की धप खेवे। यन्त्र पास रखने से तथा मन्त्र का १०८ बार जाप करने से राजदरबार में प्रतिपक्षी की हार होती है शत्रु का भय नहीं रहता।
१७--सफेद माला से प्रतिदिन १००० ऋद्धि-मन्त्र को जाप ७ दिन तक करे, चन्दन की धूप खेवे। यन्त्र पास रखने से तथा शुद्ध अछता जल २१ बार मंत्र कर पिलाने से पेट की असाध्य पीड़ा, वायुशूल, वायुगोला आदि मिट जाते हैं । ... १५-लाल माला द्वारा प्रतिदिन ऋद्धि-मन्त्र का १००० जाप ७ दिन तक करना चाहिए, दशांग धूप खेनी चाहिये, एक बार भोजन करना चाहिये। यन्त्र को पास में रखने से तथा १०८ बार मंत्र जाप करने से शत्रु की सेना का स्तम्भन होता है। - १९-यन्त्र अपने पास रखने से तथा ऋद्धि-मन्त्र का १०८ बार माप करने से अपने ऊपर दूसरे के द्वारा प्रयोग किया गया मंत्र प्रयोग, प्रादू, मूठ, टोटका मादि का प्रभाव नहीं होने पाता, न उच्चाटन का भय रहता है।