Book Title: Bhaktamar Stotra
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Shastra Swadhya Mala
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शोच्यांदशामुपगताश्युतजीवि
श्यतजीविताशा। सा:नमो भगवतीक्षुद्रोपद्रव | ई ई ई ई
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आपादकण्ठमुरुशृङ्खलवेष्टिताङ्गा । कहीं अर्हएमी वड्डमाएाएनमो.
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ऐं ऐं त्वन्नाममन्त्रमनिशमनुजाःस्मरन्तः
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ई ___दं IF शांतिं कुरु कुरुस्वाहा। .... मल्भवन्ति मकरध्वजतुल्यरूपा:४५ |
क्षयः स्वाहा। सबस्वयं विगतबन्ध भयाभवन्ति४६
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