Book Title: Bhaktamar Stotra
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Shastra Swadhya Mala

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Page 131
________________ - - .. पापंक्षात्क्षयमुपैतिशरीरभाजाम नौं नौं नौं नौ नौ नों नौं हीहंसंश्राश्रींक्रीकी सर्व मारभ्यतेतनुथियापितव प्रभावात् ।। यं यं यं यं यं सारिएर्नुहांहींहूहअसिग्राउसा, - N त्बत्संस्तवेन भवसन्ततिसन्निबद्ध 朱先朱朱先先法 नहींअहए।मोबीजबुद्धीएं। नौं नौं नौ दुरितसकटचुद्रोपद्रवकष्ट | नौ नौ नौ नौं आक्रांतलोकमलिनीलमशेषमाशु यं यं यं हींग्रहणमोअरिहंताएांणमोपादास . मत्वतिनाथतव सस्तवनं मयेद यं यं ___ यं यं यं अप्रतिचके फट्विचक्रायशैशैस्वाहा! चेतोहरिष्यतिसतांनलिनी दलेषु.. यं यं - र निवारणं कुरु२ स्वाहा । .. - Htttttttttttt नहींलक्ष्मणरामचंद्रदेव्यैनमास्वाहा यं यं यं यं । मुक्ताफलद्युतिमुपेनि ननूदबिन्दुः ८ عظماع للعطلاطعللطلامطالعظ .

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