Book Title: Bhagvati Sutram Part 01
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: Hiralal Hansraj

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याख्याप्रज्ञप्तिः ॥२॥ C% " अईम् ॥ श्रीमद्गणधरवरसुधर्मस्वामिप्रणीता। व्याख्याप्रज्ञप्तिः। (श्रीभगवतीसूत्रम्) १ शतके उद्देशः १ C3%* (मूल सूत्र अने तेना गुजराती भाषान्तर सहित) ॥ भाग-१. ॥ सर्वज्ञमीश्वरमनन्तमसङ्गमम्य, सार्वीयमस्मरमनीशमनीहमिद्धम् । सिद्धं शिव शिवकरं करणव्यपेतं, श्रीमजिन जितरिपुं प्रयतः प्रणौमि ॥१॥ अर्थः-सर्वज्ञ, ईश्वर, अनंत, असंग, अग्र्य, सर्वहितावह, अस्मर, अनीश, अनीह, तेजस्वी, सिद्ध, शिव, शिवकर, करण-इन्द्रियो अने शरीररहित, जितरिपुने श्रीमान् जिनने यत्नापूर्वक प्रणाम करुं छ ।॥ १॥ For Private and Personal Use Only

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