Book Title: Bhagavana Mahavir aur Aushdh Vigyan
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Bhikhabhai Kothari

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Page 5
________________ 'बन्दे बोरम् थी चारित्रम् स्वतन्त्रता की गोद में ____समय परिवर्तनशील है। शताब्दियों का परतंत्र भारत माज स्वतंत्रता की श्वासे ले रहा है तथा प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। __भारत एक धर्मप्रधान देश है, मत्य और महिमा की जन्म भूमि है। इमी धर्म-वसुन्धरा पर भारत की सर्वोच्च विभूति भगवान् श्री महावीर का जन्म हुप्रा । मत्य, हिसा अभयदान व मनेकान्तवाद इत्यादि उन्होंने विश्व को प्रदान किये समस्त संसार इस बात को अंगीकार करता है कि भगवान् महावीर मनमा वाचा कर्मणा अहिसा के प्रपालक थे । परन्तु । कुछ मांसा हार प्रचारक उन भगवान् महावीर के ऊपर मन गढन्त लांछन लगाने पर तुले हुए है। __श्री धर्मानन्द कोमम्बी पाली-भापा और बौद्ध-साहित्य के प्रकाण्ड पंडिन थे । 'भगवान् बुद्ध' पुस्तक में उन्होंने भगवान् महावीर के ऊपर मामाहार का कल्पित आरोप लगाया है और उसको प्रमाणित करने का प्रयन्न किया है। जैन दर्शन का व प्राकृतभाषा का पूर्ण ज्ञान न होने के कारण ही उन्होंने कथित पाठ का गलत अर्थ लगाया है उन्होंने कारुण्यमूर्ति 'श्री मौतम बुद्ध' को मांसाहारी कहा है तथा ब्राह्मणों को भी गौ-मांस भक्षक बताया है।

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