Book Title: Bhagavana Mahavir aur Aushdh Vigyan
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Bhikhabhai Kothari
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[-] मिण (२२५) अस्थि शृंखला (२२६) कुमारी गृहकन्या चकन्या घृत कुमारिका (२३२) कृष्ण बाल: कुमारी राज बलाः (२३८) श्यामा गोपी गोप वधू गोपी गोप कन्या (२४०-२४१) देवी गोकर्णी (२४८-२४६) काका वायसी (२५०) काकनासा तु काकांगो, काकतुण्डफला च सा (२५२) काकजंघा पारापत पदी दासी काका (२४५) राम दूतिका (२५६) हसपादी हंसपदी (२६०) द्विज प्रिया २६१) वन्दा (२६५) मोहिनी रेवती ( २६६) मत्स्याक्षी, वाल्हीकी, मत्स्यगन्धा, मत्स्यादनी (२७०) सर्पाक्षी (२७१) शिवा (२८०) गडणा , मण्डूको (२८३) कन्या (२६१)
स्यादनी, मत्स्यगधा, लांगली (२६६) गोजोव्हा (३००) सुदर्शना (३१२) पाखुकर्णी (३१३) मयुरशिखा (३१५)
(४) पुष्पवर्ग मे पपिनी (७)पमा(१५)महाकुमारी (२२) नेपाली (२३) गणिका (२८) पाशुपत, बक (३३) कुब्ज (३६) माधवी (४०) नट (४७) सहचर दासी (५०-५१) प्रति विष्णु (५४) बन्धुजीव (५६) मुनिपुष्प, मुनिद्रुम (५६) गौरी (६१)फणी (६४) मुनिपुत्र, तपोधन, कुलपुत्र (२६६)बर्वरी (६८)
(५) फलवर्ग में:-कामांग (१) कामराज पुत्र (२२) रम्भा (३१) दन्तशठ (६०-१३४-१४०) वानप्रस्थ (६४) गोस्तनी (११०)
(६) बटादि वर्ग में:-बटी (११) प्रश्वकर्म (१९२०) प्रजकर्ण (२१ गपुनवीर (२६-२७) गायत्री, मनियः(३०-३१)

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