Book Title: Bhagavana Mahavir aur Aushdh Vigyan
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Bhikhabhai Kothari

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Page 39
________________ [३१] 'कडाए' का अर्थ 'संस्कारित' मोर 'मार्जार काए' का पर्ण मार्जार बनस्पति से संस्कारित (भावना वाला) ठीक बैठता 'कुक्कुर' एक प्रकार को खाद्य वनस्पति है जो कि बहुत दिनों तक टिक सकती है। इसके सेवन से गर्मी, रक्तदोष, पितज्वर, प्रामातिसार मादि रोग शान्त होते है इसका संस्कृत पर्याय 'कुक्कुट' है। कुक्कुट के कतिपय तद्भव शब्द तथा उनके पर्थ उदाहरणार्थ हम नीचे प्रस्तुत करते है : पुर-भीगारकाितिय वितन्तुः कुकुरः शितिः । श्रीवारक, चतुष्त्री- (हेमी निघण्टु संग्रह ) पुमटी-कुक्कुटी, पूरली, रसकुतुमा, पुणवल्लभी। पूरणी वनस्पति- (हेमी निघण्टु संग्रह ) पुगपुर-मितिमारः सितिबरः स्वस्तिक निपलकः ॥२६॥ धीपारका विषयः, पर्णकः पुटः शिनी । पारीलामः पातुन तीरित १०॥ मागे जनाविन्त बतुनीति चोच्यते । मर्थ:-चउपत्तिया-भाजी-वनस्पति । (भाव प्रकाश निषष्ट्र, गाकवर्ग शालिग्राम निषष्टु भूषण शाक वर्ग ) मर- सात्मनियो- [tamang] कुमकुट - विजीरा [भगवती सूत्र टीका] गाली-गी. मानुन्नरविवीत, [सम लिनुरोग

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