Book Title: Anusandhan 2015 03 SrNo 66
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 120
________________ फेब्रुआरी - 2015 111 परिहरवानो खप करवो / 15 कर्मादान तजवां / / अथ व्यापारनी विगत लिखिइ छै / सूत्रनो, रुनो, व्याजवटानो, चोपडनो, धांननो, जलवटनो तथा थलवटनो ए सर्व व्यापार थइने रुपैया - - - - मोकलो / वरस प्रति सूआवड कारणे 1 करवानी जयणा / दिन प्रति चूला 2 संधूखानी जयणा / अग्नि कोइ मांगे तेहने आपवानी जयणा / दल, दलाववृं, खांडवं, खंडाव, भरडवू, भरडाव, मास मध्ये मण 10 आरंभे जयणा / पांच पनि निषेध / साहमिवच्छलादिक धर्म कारणे जयणा / विवाहादिकाय जयणा / लींपण मास प्रते 4 मोकलां, कारणविशेषे अधिकनी जयणा / लाकडां छांणा इंधण थइ रुपैया 100 वरस प्रते जयणा / धोलि खडी, कलिचुनो करोठि थइने मण 10 मासमास प्रतें [जयणा] / पंचपर्वी एतले मास प्रति दिन 5 नीलवण न वावरवी / तेमां केरी केलुं मोकलुं / भेलसंभेल रोगादि कारणनि जयणा / ___वरस प्रतें आमलां, कंकोडी मण 0l, साबु सेर 20, आरिठा मण 0||, नी जयणा / कसाई, वाघरी, मोचि, ढेढ प्रमुखने हाथे करीने व्याजे दोकड़ा आपवा निषेध, कसाइ, वाघरीने अपाववा निषेध / वरस प्रतें विवाह कार्य तथा स्वजन संबंधीनइ आदेश निर्देश देवानी जयणा / स्वजनादिकनां विवाहादिक होई, तथा मोहदाक्षिण्य होइं तेहना विवाहादिकने विषं अग्रेसरि थर्बु पडे तेहनी जयणा इत्यादि ज्ञेयं / ___अथ स्नानविधि लिख्यते - आमलां, छासनी खेल, चणानो, तुवरिनो, गहुनो, मगनो, चोखानो, बाजरिनो आटो, माटी प्रमुख स्नान करवानो आगार / तेल प्रमुखना ए.[आगार] मोकला मासे 15 सेर उपरांत निषेध / खांड लिंबुनी जयणा इत्यादि / _____ अथ अभ्यंगणविधि लिख्यते - धुपेल, तेल, सरसिउं, एरंडिउ, मोगरेल, लाखेल खांपण प्रमुख सेर 15 उपरांत निषेध, कारणे जयणा // इत्यादि / .. उद्वर्तन विधि लिख्यते - गेहुं, चिणा, तुअरि, इत्यादिकनो लोट हलद्र प्रमुख सेर 15 उपरांत निषेध, कारणे जयणा / ए रीते जाणवू /

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