Book Title: Anusandhan 2015 03 SrNo 66
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 145
________________ १३६ ___ अनुसन्धान-६६ परिवर्तन पामतो नथी, पछी अचानक ओक क्षणे बदलाय छे, वळी पाछो अपरिवर्तनशील बने छे - आq तो थतुं नथी. प्रत्येक क्षणे ते नवां नवां परिवर्तन पामतो ज रहे छे, अने ते माटे जवाबदार छे प्रत्येक क्षणे थती नवी नवी क्रिया. पहेली क्षणे थती प्रक्रिया माटीना पिण्डने थोडोक बदले छे, बीजी क्षणिक प्रक्रिया वळी ओर बदलाव लावे छे. अने कार्यकारणभावनी आ शङ्कला ज ओक ओवी क्षणिक क्रियाने जन्म आपे छे के जे घडाने उत्पन्न करी आपे छे. आ अवान्तर परिवर्तनोमांथी जे परिवर्तनो आपणे समजी शकीओ तेने आपणे शिवक, स्थास, कोश, कुशूल व. नाम आपीओ छीओ. वळी, कुम्भार जे क्रियाओ करे ते वखते अना मनमां घडानो ज अभिलाष होय छे, तेथी आपणे ते तमाम क्रियाओने घटजनक गणीओ छीओ. पण वास्तविक रीते तो घटजनक तो अक अन्तिम क्रिया ज होय छे, ओ पहेलांनी तमाम क्रियाओ तो घटनी पूर्व अवस्थाओनी जनक होय छे, घटनी नहि.. ढूंकमां निश्चयनयनी दृष्टिले दरेक क्रिया क्षणिक ज होय छे अने मे दरेक क्रिया स्वतन्त्र कार्यने जन्म आपे छे. . प्रश्न से थाय के क्षणिक क्रियाथी जन्य फळरूप कार्य, क्षणिक क्रियाना समये ज जन्मे छ के क्षणिक क्रियाना पछीना समये ? आपणी सामान्य बुद्धि अम कहेशे के क्रिया पूरी थाय (मतलब के कार्यनी क्रियमाणता समाप्त थाय) अटले कार्य जन्मे छे. अर्थात् क्रियाक्षणनी पछीनी (-क्रियमाणता न होवानी) क्षणे कार्य जन्मे छे. पण क्षणिकक्रियावादी निश्चयनय ओम कहेशे के क्रिया चालु थाय ते ज क्षणे क्रियानी पूर्णाहुति पण थाय छे अने त्यारे ज ते क्रियाथी जन्य कार्य जन्मी जाय छे. क्रिया पूरी थाय ते क्षणथी पछीनी क्षणे जे कार्य जन्मे तेने ते क्रियाजन्य केम कहेवाय ? केमके कारण होय त्यारे कार्यनी उत्पत्ति होय अने कारण न होय त्यारे कार्यनी उत्पत्ति न होय' आवी व्यवस्था छे. हवे जो क्रिया नाश पामी जाय त्यारे कार्य जन्मे तो क्रिया अ कार्य, कारण ज नहीं गणाय, केमके ओ नहोती त्यारे पण कार्य जन्म्युं. अने तो तो कार्यनी उत्पत्ति माटे क्रिया करवानी जरूर ज नहीं रहे. वळी, जे क्षेत्रमा क्रिया थती होय अनाथी जुदा क्षेत्रमा कार्य उत्पन्न थाय ओ शक्य नथी ज, पछी जुदुं क्षेत्र क्रियाक्षेत्रथी गमे तेटलुं पासे केम

Loading...

Page Navigation
1 ... 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182