Book Title: Anekant 1962 Book 15 Ank 01 to 06 Author(s): A N Upadhye Publisher: Veer Seva Mandir Trust View full book textPage 4
________________ अनेकान्त अनेकान्त के सहायक वीर सेवा मोरालय Maa 4241 - सी श्री मिश्रीलालजी जैन कलकत्ता -सुप्रसिद्ध उद्योगपति, ममाजमवी और उदारदाता NROHTANT ENainam.krni Rugu RAKAR HAMAKAM Pleased Aim AMATE Arrahe MRAL image CHAR krrawra AIN.HAN RWANA BHA desita श्री धर्मचन्दजी जैन -आप खान उद्योग के विशेषज्ञ हैं, अपने फर्म की उड़ीसा और विहार प्रान्तों की समस्त खानों के निर्देशक हैं। श्री मिश्रीलालजी के ज्येष्ठ सुपुत्र हैं। व्यवसाय की वृद्धि के लिये कई वार सफल विदेश-यात्रा कर चुके हैं।Page Navigation
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