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भनेकान्त
मार्गशीर्ष, वीर-निर्वाण सं०२९६६
८.प्रो० प्रबोधचंद वागची, कलकत्ता विश्वविद्यालय १० सुरेन्द्रनाथदास गुप्त-.........
(पता-नं० रुस्तमजी स्ट्रीट,कालीगंज, कलकत्ता) (पता-महानिर्वाण रोड बालीगंज कलकत्ता) अापकी निबन्ध-सूची निम्न प्रकार हैं
History of Indian Philosophy नामक १. The Historic beginnings of Jainism ग्रंथमें आपने जैनदर्शनके सम्बंधमें कई बातें लिखी
Part III, 1929. (प्र. सराशूतोष मुखर्जी सिलवर ज्युबली वोलयुम III ११ प्रो. सुरमा मित्र M. A.Part III 1927)
(पता---०६ हिन्दुस्तान पार्क बालीगंज) २. One the Purvas प्र. Journal of Depa- जैनदर्शनका आपने बहुत गंभीर अध्ययन किया
rtment of letters V.XIV1929. है, बंगीय महिलाअोंमें जैनदर्शन-प्रेमी एक मात्र
श्राप चीनी भाषाके विशेषज्ञ हैं और जैन बौद्ध आप ही हैं । आप जैनधर्मके सम्बंधमें एक ग्रंथ धर्मसे भी प्रेम रखते हैं।
___भी लिख रही हैं। ९ प्रो० वेणीमाधव बुड़वाM. A. D. litt. (Lon) १२ डा० आसूतोष शास्त्री M. A. PH. D. अापकी निबन्ध-सूची इस प्रकार है
(पता--नं० २ C नवीन कुंडुलेन, कालेजऐ) 1. The Ajvikas (Journal of the Depart Studies in Post Sankara Diabec
ment of Letters, Calcutta Univer- tiesमें आपने जैन दर्शन के सम्बंधमें भी कुछ sity, Vol. II 1120)
बातें लिखी बतलाते हैं। 2. A History of Pre-Budhist India १३ सतीशचन्द्र चटर्जी M.A., PH. D.-.
Philosophy of Mahavira published (पता-५६ B हिंदुस्तान पार्क) by Calcutta University 1921 The Nyaya Theory of knowledge
(London Doctorate) नामक अापके ग्रंथमें जैनन्याय-सम्बन्धी चर्चा है। 3. Historical Background of Jinology. १४ विनयकुमार सरकार प्रो०कलकत्ता युनिवर्सिटीand Buddhology(Calcutta Review (पता-पुलिस होसपिटल रोड )
1924.) Somedeva ( The Political Philo4. Old Brahmi Inscriptions in Udaya- sopher of the tenth century) नामक
giri and Khandagiri Caves. (Cal- निबन्ध अापका लिखा हुअा है,जो इण्डियन कल
cutta University Published 1929) चर (V. II Page 801) में मुद्रित हुआ है। 5. Minor Old Brahmi 1nscriptions in १५ स्व० सतीशचन्द्र विद्याभूषण-भारतीय न्याय
the Udaigiri and Khandagiri शास्त्रके श्राप लब्धप्रतिष्टि विद्वान् थे, जैन न्यायCaves. Revised Edition (Indian साहित्यका भी आपने गंभीर अध्ययन किया था Historical Quarterly 1938.)
और अपने ग्रंथमें जैनलोजिकके सम्बंधमें विस्तारसे