Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 01 of 01
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 107
________________ 94 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: प्रथमो विभागः जाणिज्जा, अधुवं चेयं जाणिज्जा, असणं वा (1) लभिय नो लभिय भुजिय नो भुजिय, अदुवा आगयो अदुवा नो भागयो, अदुवा एइ अदुवा नो एइ, अदुवा एहिइ अदुवा नो एहिइ, इत्थवि बागए इत्थवि नो पागए, इत्थवि एइ इत्थवि नो एति, इत्थवि एहिति इत्थवि नो एहिति 1 // अणुवीइ निट्ठाभासी समियाए संजए भासं भासिज्जा, तंजहा—एगवयणं 1, दुवयणं 2, बहुवयणं 3, इथिवयणं 4, पुरिसवयणं 5, नपुंसगवयणं 6, अज्झत्थवयणं 7, उवणीयवयणं 8, श्रवणीयवयणं 1, उवणीय-अवणीयवयणं 10, श्रवणीयउवणीयवय 11, तीयवयणं 12, पडुप्पन्नवयणं 13, अणागयवयणं 14, पञ्चक्खवयणं 15, परुक्खवयणं 16, से एगवयणं वइस्सामीति एगवयगां वइजा जाव परुक्खवयणां वइस्सामिति परुक्खवयणां वइज्जा, इत्थी वेस पुरिसो वेस नपुसगं वेस एयं वा चेयं अन्नं वा चेयं अणुवीइ निट्ठाभासी समियाए संजए भासं भासिज्जा, इच्चेयाई प्राययणाई उवातिकम्म 2 // ग्रह भिक्खूणं जाणिज्जा चत्तारि भासज्जायाई तंजहा–सचमेगं पढमं भासज्जायं 1, बीयं मोसं 2, तइयं सच्चामोसं 3, जं नेव सच्चं नेव मोसं नेव सच्चामोसं असचामोसं नाम तं चउत्थं भासजायं 4 // से बेमि 3 जे अइया जे य पडुपन्ना जे अणागया अरहंता भगवंतो सव्वे ते एयाणि चे चत्तारि भासज्जायाई भासिंसु वा भासंति वा भासिस्संति वा पनविंसु वा पराणब्वंति वा पराणविसंति वा 1, सव्वाइं च णं एयाई अचित्ताणि वरणमंताणि गंधमंताणि रसमंताणि फासमंताणि चोवचइयाई विपरिणामधम्माई भवंतीति अक्खायाई 5 // ॥सू. 132 // से भिक्खू वा (2) से जं पुण जाणिज्जा पुदि भासा अभासा भासिज्जमाणी भासा भासा, भासासमयवीइक्कंता च णं भासिया भासा अभासा 1 // से भिक्खू वा (2) से जं पुण जाणिज्जा जा य भासा सच्चा 1, जा य भासा मोसा 2, जा य भासा सच्चामोसा 3, जा य भासा असच्चऽमोसा 4, तह

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