Book Title: Agam Prakashan Suchi
Author(s): Nirav B Dagli
Publisher: Gitarth Ganga

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Page 266
________________ आगम प्रकाशन परिचय 219 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) वद्धिविजयजी कृत सज्झाय} {गु., दे.ना.} [T] {1035, 1477, 1484) 1315 गच्छाचारपयन्ना {गच्छा.प्रकी.सूत्र भूपेन्द्रसूरि जैन साहित्य संयो.-राजेन्द्रसूरि भट्टारक, |2002 (अ.) 392 (C) सह राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत। समिति {ग्रंथांक 15} संशो.-गुलाबविजयजी उपाध्याय छाया, (गु.) अनु., बृहट्टीकानुसारी विवे.) {दे.ना.) [T,S] {1477,1480,1489) | 1316 नरेन्द्र-जीवननी-शीतल-परिमल लालजी घेलाभाई जेवत संग्रा.-विद्युत्प्रभाश्रीजी 2025 (अ.) 50 (D) (गच्छाचार पयन्ना सूत्र सार्थ) खोना (गच्छा.प्रकी.सूत्र सह कर्पूरविजयजी कृत (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} {1477, 1484} 1317 गच्छाचारप्रकीर्णकम् हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2043 (1) 360 (P) | {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह विजयविमल {ग्रं. 172} गणिजी कृत बृहट्टीका) {दे.ना.} {1477,1479) 1318 गच्छाचारपयन्ना (गच्छा.प्रकी.सूत्र अमीचंदजी ताराजी दाणी संयो. राजेन्द्रसूरि भट्टारक, 2048 (2) 332 (C) सह राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत छाया, संशो.-गुलाबविजयजी उपाध्याय | (गु.) अनु., बृहट्टीकानुसारी विवे.} {दे.ना.} [T, S] {1477, 1480, 1489) 1319 गच्छाचारप्रकीर्णकम् (संस्कृतछायायुतं) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 28 (D) {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह दानसूरिजी (#) | {ग्रं. 275} कृत छाया} {दे.ना.) {1477, 1481) 1320 गच्छाचार-प्रकीर्णकम् {गच्छा.प्रकी.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 356 (P) सह दानसूरिजी (#) कृत छाया, {ग्रं. 249} विजयविमल गणि कृत बृहट्टीका और लघुटीका} {दे.ना.} {1477, 1478, 1479, 1481} 1321 गच्छायारपइण्णयं आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. (#) 2050 (1) 72 (C) (गच्छाचार-प्रकीर्णक) प्राकृत संस्थान {आगम {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह सुरेश संस्थान ग्रंथमाला 11} सिसोदिया डॉ. कृत (हिं.) अनु.} (दे.ना.} [T, S] {1477, 1485) 1322 GACCHAYARA-PAINNAYAM | आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. 2060 (1) 104 (C) [GACCHACARA-PRAKIRNAKA] | प्राकृत संस्थान {आगम {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह सुरेश संस्थान ग्रंथमाला 29) सिसोदिया डॉ. के अनु. का कर्नल दलपतसिंघ बाया डॉ. कृत (अं.) भाषां.} {रो.} [T, s] {1477, 1488} | 1323 गच्छाचार सूत्रं (गच्छा.प्रकी.सूत्र मूल} | जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) |18 (P) {दे.ना., गु.} [] {1477} संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि

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