Book Title: Agam Prakashan Suchi
Author(s): Nirav B Dagli
Publisher: Gitarth Ganga

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Page 325
________________ 278 81. आगम सज्झाय आदि क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1755 बृहत् स्तवनावलि. {दे.ना.} {1036, जैन प्राचीन पुस्तकोद्धार |अप्रदर्शित 1976 (अ.) 342 (B) 1556, 1565) फंड, निर्णयसागर प्रेस {ग्रंथांक 18} 1756 सज्झाय संग्रह. {उत्त.सूत्र की ब्रह्ममुनि जैन हठीसिंह सरस्वती संशो.-सागरचंद्रसूरि | 1978 (1) 260 (D) कृत सज्झाय, ज्ञाता.सूत्र की मेघराज । सभा {भ्रातृचंद्रसूरि उपा. कृत सज्झाय आदि} भाग 1 ग्रंथमाला 14} (दे.ना.} {85, 286, 539, 895} 1757 जैन प्राचीन स्तवनादि संग्रह (आगम उमेदचंद रायचंद मास्तर संपा.-उमेदचंद रायचंद (2) 1979 (4) 440 (D) आदि के स्तवनो, सज्झाय, थोय, चैत्यवंदन संग्रह} {गु., दे.ना.} {8, 9, 484,1035,1135,1375} 1758 पिस्तालीस आगम पूजा {45 आगम की गोरधनदास त्रिभोवनदास संशो.-धर्मविजयजी 1979 (अ.) 56 (D) रूपविजयजी पं. कृत पूजा} {गु.} दोशी [T, S] {1570) 1759 | प्राचीनस्तवनादिरत्नसंग्रह भाग 2 {गु.} |जमनाभाई भगुभाई संग्रा.-मुक्तिविमलजी पं. | 1980 (1) 456 (C) {178, 209, 589,798, 899, 1034, {अंक 5} 1563) 1760 विधिपक्षगच्छीय अणगारस्य सार्थानि सोमचंद धारशी अप्रदर्शित 1981 (अ.) 716 (B). विधिसहितानि पंच प्रतिक्रमण सूत्राणि तथा श्रावकस्य सार्थानि पंच प्रतिक्रमण सूत्राणि {आगम आदि की सज्झाय, अचलगच्छीय प्रतिक्रमणसूत्र-विधि, स्तवनादि संग्रह) {दे.ना.} {891, 1033, 1035, 1132, 1283, 1295, 1513} | 1761 सज्झाय संग्रह. (दे.ना.} [T] ए. एम. एन्ड कंपनी अप्रदर्शित 1982 (अ.) 64 (D) {1036, 1565) 1762 गहुंली संग्रह भाग 1 {गु.} [T] अध्यात्म ज्ञान प्रसारक संपा.-मोहनलाल हिमचंद |1984 (4) 112 (C) {215, 335} मंडल {बुद्धिसागरसूरि वकील (2) ग्रंथमाळा 18} | 1763 श्रीमद् देवचंद्र (देवचंद्रजी उपा. कृत अध्यात्म ज्ञान प्रसारक संशो.-बुद्धिसागरसूरि 1985 (2) 660 (C) स्था.सूत्र की (मा.गु.) सज्झाय, अन्य मंडल {बुद्धिसागरसूरि स्तवन आदि भाग2 (दे.ना.) ग्रंथमाळा 53} |{141,845) | 1764 प्रकरणादि विचार गर्भित स्तवन माधवजी डुंगरशी शा. अप्रदर्शित 1989 (अ.) |334 (D) सज्झाय संग्रह. {दे.ना.} [T] | {845, 1036, 1130, 1565) 1765 पीस्ताळीश आगमनी पूजा अर्थ जैन धर्म प्रसारक सभा संपा.-कुंवरजी आणंदजी शाह |1992 (1) 80 (D) विवेचन. (कथाओ युक्त) {45 आगम की वीरविजयजी पं.कृत (गु.) पूजा सह कुंवरजी आणंदजी शाह कृत अनु.} {गु.) [T] {1569, 1571) 1766 गूर्जर साहित्य संग्रह (यशोविजयजी बावचंद गोपालजी शास्त्री संशो.-भद्रंकरविजयजी पंन्यास, 1992 (1) 653 (D) महो. कृत (गु.,सं.) स्तवन-सज्झाय मोहनलाल दलीचंद देसाई

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