Book Title: Agam Prakashan Suchi
Author(s): Nirav B Dagli
Publisher: Gitarth Ganga

Previous | Next

Page 341
________________ 121 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) [जी.काळ सं. वि. 1132-1211] 249 जिनदासगणिजी महत्तर गुरु गोपालगणि महत्तर (वज्रशाखा } (र.सं. वि.7330) कर्ता संपादक अनुक्रमणिका 250 जिनप्रभसूरि (शुभतिलक उपाध्याय उपा. अब.) गुरु जिनसिंहसूरिजी {लघु ख.) [दी.सं. वि. 1326#] 251 जिनप्रभाश्रीजी साध्वी {तेरा. } [प्रका. सं. ई. 1993 ] 252 जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण - पूर्वधर (निर्वृतिकुल} [शक सं. 531#] 253 जिनमणिसागरसूरि (मणिसागर) - गुरु-सुमतिसागरजी उपा. {ख.} [प्रका. सं. वि. 1975 ] 254 जिनविजयजी (जिनविजयजी मुनि अब पुरातत्त्वाचार्य जेन तपा.) [प्रका. सं. वि. 1981) 255 जिनविजयजी गणि गुरु क्षमाविजयजी तपा.] [दी.सं. वि. 1770#) - 256 जिनहंससूरि (धर्मरंगजी मुनि अव . ) - गुरु-जिनसमुद्रसूरिजी (ख.} [सं. वि. 1573] 257 जिनहर्षसूरि (जसराज) गुरु- शांतिहर्ष (ख.) [र.सं. वि. 1729) 258 जिनेन्द्रविजयजी (जलज) - गुरु नरेन्द्रविजयजी (त्रिस्तु } [प्रका. सं. ई. 1993 ] 250 जिनेन्द्रसूरि गुरु-अमृतसूरिजी तपा.) प्रका. सं. वि. 2022] 280 जिनेशचंद्रविजयजी गणि गुरु-निर्मलचंद्रविजयजी गणि (तपा.) [प्रका. सं. वि. 2058] 261 जिनोत्तमसूरि गुरु-सुशीलसूरिजी तपा.) [प्रका, सं. वि. 2055] 262 जीतमलजी चोपडा (प्रका. सं. वि. 2023] 263 जीतमुनि अध्यात्मजीत [प्रका. सं. वि. 1975 ] 264 जीतविजयजी गुरु पद्यविजयजी तपा.) 265 जीवणलाल छगनलाल संघवी (जैन स्था. } [प्रका. सं. वि. 2029] 266 जीवन मुनि स्था.) [प्रका. सं. वि. 1941 ] 267 जीवराज बेलाभाई दोशी डॉ. जैन स्था.) प्रका. सं. वि. 1967) 268 जेठमलजी मुनि (रूपविजयजी)-गुरु-विनयविजयजी (स्था.) विद्यमान सं. ई. 1823) K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) K (3, 80, 199, 770, 819, 879, 1025, 1120, 1286, 1330, 1443=11) K (1361, 1554) P (1562) K (867, 868, 1119, 1121) K (1415) P (1146) P (693, 694, 1532) K (213,457) K (5) K (331, 901, 1037) P (1659) P (29, 34, 41, 90, 121, 127, 177, 188, 211, 214, 268, 294, 331, 336, 372, 404, 430, 449, 452, 479, 491, 495, 516, 538, 553, 555, 562, 579, 591, 603, 606, 609, 613, 615, 618, 639, 730, 758, 771, 918, 988, 989, 991, 992, 993, 994, 1011, 1023, 1025, 1032, 1039, 1041, 1047, 1050, 1058, 1084, 1124, 1127, 1198, 1220, 1221, 1288, 1298, 1317, 1319, 1320, 1330, 1367, 1368, 1369, 1370, 1371, 1373, 1374, 1375, 1384, 1451, 1504, 1505, 1509, 1512, 1798=82) P (922) P (88, 1718, 1737, 1791) K (405) K (1388) P (1147) K (538) P ( 731, 740) K (649, 674, 699, 724, 747-5) K (150, 339, 804, 851, 930, 1047=6) P (166, 360, 650, 678, 701, 708, 849=7) K (907)

Loading...

Page Navigation
1 ... 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392