Book Title: Agam Prakashan Suchi
Author(s): Nirav B Dagli
Publisher: Gitarth Ganga

Previous | Next

Page 364
________________ परिशिष्ट 1 कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 793 हरगोविंददास त्रिकमचंद शेठ पंडित (हरगोविंददास टी. शेठ, Pandit | Hargovind Das Sheth, हरगोविंददास त्रिकमचंद शास्त्री पंडित). गुरु धर्मसूरिजी जैन तपा. [जी.काळ सं. वि. 1945-1997] 794 हरविंदरसिंह सरदार चित्रकार [प्रका. सं. वि. 2053] 795 हरिदत्त शर्मा प्रका. सं. वि. 1975] 796 हरिदामोदर वेलणकर (H. D. Velankar ) जी.काळ सं. ई. 1893-1967] - 797 हरिभद्रसूरि (भवविरहसूरि) याकिनी महत्तरासून विद्याथर.) [विद्यमान सं. वि. 8330] 798 हरिराम आचार्य डॉ. (प्रका. सं. वि. 2036) 799 हरिवल्लभ चुनीलाल भायाणी डॉ. (H. C. Bhayani Dr.) {जैन स्था.} (ज.सं. ई. 1917) 800 हरिशंकर कालीदास शास्त्री प्रका. सं. वि. 1971] 801 हरिहर सिंह डॉ. (Harihar Singh Dr.) [ प्रका. सं. ई. 1975 ] 802 हर्षकुल गणि गुरुकुलचरणगणिजी (तपा.) [र.सं. वि. 1583] 803 हर्षचंद्र जैन ( जैन स्था. } [प्रका. सं. वि. 1994 ] - - 804 हर्षनंदन गणि गुरु- समयसुंदरजी उपाध्याय (ख.} [र.सं. वि. 1705] 805 हर्षविजयजी गुरु चरणविजय पंन्यास [ प्रका. सं. वि. 1996] - 806 हसुमतीबाई महासती विद्याभूषण स्था. [प्रका. सं. ई. 1978] 807 हस्तीमलजी आचार्य गजेन्द्र (स्था. } [प्रका. सं. वि. 2026] 808 हार्दिकरत्नविजयजी गुरु अरिहंतसिद्धसूरिजी [तपा.] [प्रका. सं. वि. 2058] 809 हितरत्नविजयजी गुरु-रत्नचंद्रसूरिजी ( तपा.} [प्रका. सं. वि. 2061] 810 हितेशचंद्रविजयजी श्रेयस (त्रिस्तु } [प्रका. सं. वि. 2058] 811 हिमांशुसागर पंन्यास गुरु हीरसागरजी पंन्यास (तपा.) [[प्रका. सं. वि. 2038] - 812 हीरविजयजी गुरु- अभयचंद्रसूरिजी (तपा. } [प्रका. सं. वि. 2068 ] 813 हीरालाल बी. गांधी (Hiralal B. Gandhi, H. B. Gandhi) [प्रका. सं. ई. 1938] 814 हीरालाल रणछोड़भाई मास्तर [ प्रका. सं. वि. 1995] 815 हीरालाल रसिकदास कापडिया (Hiralal R. Kapadia) (जैन तपा.) [ जी. काळ सं. ई. 1894 - 1979] 816 हीरालाल शास्त्री पंडित [ प्रका. सं. वि. 2038] 817 हीरालाल हंसराज (हीरालाल हंसराज लालन) - पंडित (जैन तपा. } K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) K (485, 1139) P (463, 956, 957, 974, 1351=5) P (911, 1088, 1264) P (845) P (1623) K (580, 786, 1026, 1031, 1123, 1169, 1287, 1331=8) P (1707) P (287, 389, 642, 1338, 1583, 1789=6) K (1376, 1386) P (1143) P (626) K (82, 201) P (469) * K (139,1365) P (718) K (19, 32, 394, 437, 522=5) K (377, 391, 458, 462, 987, 1043, 1057, 1105, 1297, 1308=10) P (441, 681, 834, 1068, 1329=5) P (1000, 1482, 1483) P (930) P (75) P (447) P (952,1017) K (547) P (508) 35 P (967) P (1626, 1627, 1629, 1640, 1650=5) K (162, 192) P (180, 222) K (234, 952, 991, 1248, 1412=5)

Loading...

Page Navigation
1 ... 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392