Book Title: Agam Prakashan Suchi
Author(s): Nirav B Dagli
Publisher: Gitarth Ganga
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परिशिष्ट 1
26
K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक)
क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 547 | मोहनलाल मेहता डॉ. (Mohanlal Mehta Dr.) [प्रका.सं. ई.1959]
P (626, 1559, 1569, 1577, 1586, 1631, 1633, 1634,164649)
P(1762)
548 मोहनलाल हिमचंद वकील (जैन) [प्रका.सं. वि.1984] 549 | यतीन्द्रविजयजी - गुरु-जयदेवसूरिजी (तपा.} [र.सं. वि.2037] 550 | यतीन्द्रसूरि - गुरु-भूपेंद्रसूरिजी {त्रिस्तु.} [ज.सं. वि.1940]
K (1400, 1419)P (1203)
K (1054)P (851, 1155, 1158, 1205, 1233, 155836) P(274,1235,1547)
552
K (1474)
P(1693)
K (1135,1559, 1560, 1564)
551 | यशोदेवसूरि (यशोविजयजी) - साहित्यरत्न, गुरु-धर्मसूरिजी (तपा.)
[प्रका.सं. वि.2036] | यशोभद्रसूरि - गुरु-शय्यंभवसूरि (निर्ग्रथगच्छ)
[वीर सदी पहली-दूसरी] 553 | यशोविजयजी - गुरु-विश्वकल्याणविजयजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2047] 554 | यशोविजयजी महोपाध्याय (जसविजयजी) - गुरु नयविजयजी {तपा.)
[दी.सं. वि.1688] 555 | यशोविजयसूरि - गुरु-ॐकारसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2064] 556 | युगचंद्रसूरि - गुरु-पूर्णचंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2046] 557 योगतिलकसूरि - गुरु-संयमरत्नसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2057] 558 रतनमुनि - गुरु-मंगलचंदजी {स्था.} (प्रका.सं. वि.2048] 559 | रतनलाल डोशी (जैन स्था.) (प्रका.सं. ई.1976]
6 (73,997, 1090)P (83,791,919)
K (1384)P (1217)
P(1245, 1256)
| K(554)P(515)
K (438,463)P (57, 131,373, 728, 1377, 1378, 1404,1457, 178629) P(1702)
K (315)P(328,352)
P(1575, 1580, 1581, 1705)
P(149)
P (825, 937, 1252)
K (922)P (736)
K (39, 52)P (87, 987)
560 | रतनलाल संघवी पंडित (जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.1950] 561 रत्नकुमार (रत्नेश) [प्रका.सं. ई.1969] 562 रत्नचंद्रजी मुनि - गुरु-गुलाबचंद्रजी स्वामी {अजरामर संप्रदाय
[ज.सं. वि.1936] 563 रत्नचंद्रविजयजी - गुरु-कुलचंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2063] 564 | रत्नचंद्रसूरि - गुरु-अभयदेवसूरिजी {तपा. [प्रका.सं. वि.2053] 565 रत्नचंद्रस्वामी - गुरु-नागचंद्रजीस्वामीजी {स्था.} [प्रका.सं.वि.2026] 566 रत्नज्योतविजयजी पंन्यास - गुरु-रत्नाकरसूरिजी (तपा.}
[प्रका.सं.वि.2056] 567 रत्नप्रभविजयजी - गुरु नेमिसूरि (तपा.) [प्रका.सं. वि.1997] 568 | रत्नप्रभसूरि - गुरु-यशोभद्रसूरि (तपा.} [चातु.सं. वि.2039] 569 | रत्नबोधिविजयजी - गुरु-हेमचंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2065] | 570 रत्नयशविजयजी - गुरु-कीर्तियशसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. ई.2001] | 571 | रत्नशेखरसूरि - गुरु-तिलकविजयजी (तपा.} (प्रका.सं. वी.2035] | 572 रत्नशेखरसूरि - गुरु-प्रेमसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2067] 573 रत्नसागरजी
P(968, 1727) P(1196, 1199, 1213)
P(160, 161,605)
P(1719)
K (1151, 1155, 1165)
P(1271)
K (1558)
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