Book Title: Agam Prakashan Suchi
Author(s): Nirav B Dagli
Publisher: Gitarth Ganga
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परिशिष्ट 1
क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित)
K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) 448 | बालाभाई छगनभाई शाह [प्रका.सं.वि.1969]
P(1347) 449 | बिंदुबाई साध्वी(महासती) - गुरु-भारतीबाई महासती (स्था.)
K (557) [प्रका.सं. ई.2004] 450 | बिमलाचरण लो डॉ. (Bimala Charan Law Dr.)(बी. सी. लो डॉ.)
P(1649) [प्रका.सं.ई.1949] 451 | बी. के. खडबडी डॉ. [प्रका.सं. ई.1993]
K(964)P(769) | 452 | बी. टी. परमार [प्रका.सं. वि.2050]
K (1423) 453 बुद्धमल मुनि (तेरा.} [प्रका.सं. वि.2016]
K (1092) | 454 | बुद्धिविजयजी पंन्यास - गुरु-मुक्तिविजयजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.1992] K (916) |455 बुद्धिसागर गणि (बुद्धि मुनि) - गुरु-केसरमुनिजी (तपा.}
K (1426) [प्रका.सं.वि.1999]
P(113, 158, 1169, 1182) |456 | बुद्धिसागरजी - गुरु-शांतिसागरजी उपाध्याय (तपा.) [सदी 17वीं)
K(590) 457 बुद्धिसागरसूरि - योगनिष्ठ, गुरु-सुखसागरजी {तपा.}
P(1763) [प्रका.सं. वि.1974] 458 | बृजमोहन जैन डॉ. {जैन स्था.} [प्रका.सं.ई.1992]
K (963) 459 बेचरदास जीवराज दोशी पंडित {जैन तपा.} [प्रका.सं. वि.1974]
K (224,231,252, 309,346,553, 138997) P(233,265,280,369,379,510,522,1542, |
1634, 1648=10) 460 | ब्रह्ममुनि (विनयदेवसूरि, ब्रह्मर्षि) - गुरु-देवसूरिजी [र.सं. वि.1599]
K (895) 461 | भंवरलाल नाहटा (जैन) [प्रका.सं. वि.2013]
P(1774) 462 भंवरलाल बाफना (जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2047]
P(1661, 1662) | 463 | भक्तिलाभ उपाध्याय [कृति संशो.सं. वि.1573]
K(5) 464 भगवतीलालजी मुनि (निर्मल) - गुरु-मंगलचंदजी {स्था.)
P(1363) [प्रका.सं.ई.1967] 465 | भगवानदास लल्लुभाई पटेल [प्रका.सं. वि.1977]
P(1422) | 466 | भगवानदास हरखचंद दोशी (भगवानदास हर्षचंद्र दोशी) -पंडित (जैन तपा.) K(231, 347, 360,597,6045) [प्रका.सं.वि.1974]
P(236, 237, 363, 364, 388,547%3D6) |467 | भगवानविजयजी - गुरु-हेमविजयजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.1933]
P(317, 355,435,460, 69835) | 468 | भद्रंकरविजयजी पंन्यास - गुरु-रामचंद्रसूरिजी (तपा.}
P(1766,1794) [प्रका.सं.वि.1992] | 469 | भद्रंकरसूरि - गुरु-भुवनतिलकसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2015]
K(919,957, 1041, 1049)
| P(732,873,897) | 470 | भद्रंकरसूरि - गुरु-मनोहरसूरिजी (तपा.} [जी.काळ सं. वि.1958-2057] K (1059, 1429, 1544) P (874,875,887,
894,896, 901,903, 1181, 172839) | भद्रबाहुस्वामी - चौद पूर्वधर, गुरु-यशोभद्रसूरि {निर्ग्रथगच्छ}
K (2,79,793,794,817, 818,840, [वीर सदी दूसरी]
877, 1021, 1117, 1132, 1167, 1359,
1444%3D14) | 472 भव्यगुणाश्रीजी (रम्यरेणु) - गुरु-रम्यगुणाश्रीजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2062] |P (1724, 1725)
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