Book Title: Agam Prakashan Suchi
Author(s): Nirav B Dagli
Publisher: Gitarth Ganga
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70. आगम व्याख्या (एकाधिक भाष्य, टीका आदि/सभाष्य, सटीका आदि)
| प्रकाशक (ग्रंथमाला }
संपादक, संशोधक आदि | संपा. अरुणविजयजी पंन्यास
| महावीर जैन साहित्य प्रकाशन, (P) जैन धर्म
क्र.
प्रकाशन नाम एवं परिचय
1508 अन्तकृद्दशाङ्गं अनुत्तरोपपातिक दशाङ्गञ्च { अं. द. सूत्र और अनु. द. सूत्र सह अभय. टीका, जेठालाल हरिभाई शास्त्री कृत मूल एवं पुष्प 9-10)
प्रसारक सभा
टीका का संमिलित (गु.) अनु.
गु..
| दे. ना. } [T] [371, 372, 384, 416, 417, 432}
1509 निरियावलिका सूत्र सटीकम् { निर. सूत्र आदि 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना. } [S] {647, 648, 672, 673, 697, 698, 722, 723, 745, 746}
1510 आगम रत्न मंजूषा (45 आगम, निर्युक्ति, भाष्य मूल} {दे.ना. } [s] {1, 2, 78, 79, 136, 175, 198, 283, 324, 371, 416, 451, 481, 515, 535, 561, 579, 611, 623, 641, 647, 672, 697, 722, 745, 768,
786, 793, 817, 818, 840, 867, 868, 876, 877, 1020, 1021, 1023, 1116, 1117, 1118, 1167, 1168, 1186, 1209, 1228, 1235, 1243, 1262, 1266, 1271, 1283, 1284, 1285, 1329, 1359, 1442, 1444, 1445, 1477, 1494, 1506} 1511 स्थानाङ्गसूत्रे समवायाङ्गसूत्रं च [STHANANGA SUTRAM AND SAMVAYANGA SUTRAM]
{स्था. सूत्र और सम. सूत्र सह अभय. टीका} {दे.ना. } [T, S] {136, 137, 175, 176)
1512 निर्युक्ति-सङ्ग्रहः { भद्रबाहुस्वामीजी कृत निर्युक्तियाँ} {दे.ना.) [S] (2, 79, 818, 877, 1021, 1117, 1167, 1444)
1513 निरयावलिका सूत्रम् [कप्पिया-2 कप्पवडिसिया 10 पुष्किया- 11, पुष्फधुलिया 12 वहिदशा
{ निर. सूत्र आदि 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका, जेठालाल हरिभाई शास्त्री (#) कृत (गु.) अनु.; निर. सूत्र, कल्पाव. सूत्र, पुष्पिकासूत्र का टीकानु.} {दे.ना., गु.} [T] [647, 648, 657, 667, 672, 673, 683, 692, 697, 698, 707, 717, 722, 723, 733, 745, 746, 755}
हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 130}
जैन आगम ट्रस्ट
मोतीलाल बनारसीदास पब्लशर्स प्रा. लि., (P) आगमोदय समिति
संशो. नरदेवसागरसूरि संपा. दोलतसागरसूरि, देवचंद्रसागरसूरि, पूर्व संशो.. सागरानंदसूर
संशो. जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ), पूर्व संशो., पूर्व संपा. सागरानंदमूरि
हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. - जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 189)
| महावीर जैन साहित्य संयो., संपा. - अरुणविजयजी | प्रकाशन, महावीर विद्यार्थी पंन्यास कल्याण केन्द्र, (P) जैन धर्म प्रसारक सभा, (P) नीतिसूरिजी जैन पुस्तकालय ट्रस्ट, अमदावाद (पुष्प 14}
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
| 190 (P)
2040 (1)
2040 (3T.) 104 (P)
2041 (पु.मु.)
1380 (P)
2041 (1) 604 (A)
2045 (1)
620 (C)
2047 (1) 420 (P)
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