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क्र.
| प्रकाशन नाम एवं परिचय
| जिन जन्माभिषेक वर्णन सह वीरपुत्रजी मुनि कृत (हिं.) अन्व., अनु.) (दे.ना.} {#]
1544 भगवतीसूत्रम् (पञ्चदशं गोशालकाख्यं शतकम्) (भग. सूत्र सह अभय. टीका | (गोशालकाय श. 15वाँ एवं
| परिशिष्टगत गोशाला संबंधी
सू. कृ. सूत्रगत (श्रु.2 अ. 6 गा. 25) मूलपाठ और दीघनिकायस्थसामञ्ञ| फलसूत्रगत सटीक पाठ (बोम्बे युनि. | M. A. अभ्यासक्रम की अर्धमागधी रीडर)} {दे.ना. रो.} {78, 198, 200 }
1545 पाइय- गज्ज-संगहो [Selection in | Prakrit Prose] (प्राकृत-गद्य-संग्रह) { मागध विश्वविद्यालय के B.A. Part-1 | के अभ्यासक्रम का उ. द. सूत्र
(श्रु. 1 अ. 67), ज्ञाता. सूत्र
(श्रु. 1 अ. तीसरा, उत्त. सूत्र (अ. 3-4, 6ट्ठा, 24वाँ मूल आदि प्राचीन प्राकृत कृतियों के गद्यांश संकलन स्वरूप पाठ्यपुस्तक} भाग 2 (दे.ना. } {283, 324, 876} 1546 PRAKRTA-GADYA-PADYABANDHA [ प्राकृत गद्य-पद्य-बंध] { आगम आदि प्राकृत ग्रंथों के अध्ययन युक्त बिहार सरकार मान्य प्राकृत भाषा और जैनोलॉजी का पाठ्यपुस्तक } Part 1 (दे.ना., [T] {# }
. रो. }
| 1547 गणधरवादादि विषयत्रयी कल्पसूत्र के खीमशाही बा.बो. आधारित प्रथम गणधर के बाद का यशोदेवसूरिजी कृत (गु., सं.) अनु., महावीर जन्मवांचन विवरण- मूलपाठयुक्त, कायोत्सर्ग के दोषो का वर्णन) (गु., दे. ना. } [T] {#}
71. आगम अध्ययन
अभ्यासक्रम का आचा. सूत्र, दश. सूत्र | आदि के अध्ययन / उद्देशगत पाठों एवं उस के (अं.) अनु. युक्त संकलन स्वरूप पाठ्यपुस्तक} { रो., दे. ना. } [T, S] {1, 24, 78, 105, 283, 296, 451, 481, 492, 515, 521, 876, 946, 1020, 1064}
1549 चित्त-समाधि जैन योग (जैन विश्व :
| प्रकाशक ( ग्रंथमाला }
गोडीजी पार्श्वनाथ जैन टेम्पल ट्रस्ट (विजयदेवसूर संघ श्रेणी 9)
राजीव पब्लिकेशन्स
प्राकृत, जैनशास्त्र अने अहिंसा शोध संस्थान {Prakrit Jaina Inst. Res. Pub. Series 7}
| 1548 Ardha Magadhi Reader {पंजाब Satguru Publications
| विश्वविद्यालय के अर्धमागधी के
संपादक, संशोधक आदि
जैन विश्व भारती
संपा. - N. V. Vaidya Prof.
संक., संपा. -राजाराम जैन डॉ.
मुक्ति कमल मोहन जैन संग्रा., संपा. यशोदेवसूरि ज्ञान मंदिर (पुष्प 71}
संपा. Banarsidas Jain (# )
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
संक., संपा. -Nathamalji Tatia 2028 (अ.) 262 (B) Dr., रामप्रकाश पोद्दार डॉ., प्रधान संपा. -Nathamalji
Tatia Dr.
संक-कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ..
2010 (3T.) 86 (D)
2018 (1) | 162 (D)
2036 (3T.) 74 (P)
2038 (2) 244 (C)
2042 (3T.) 286 (B)