Book Title: Agam Prakashan Suchi
Author(s): Nirav B Dagli
Publisher: Gitarth Ganga
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आगम प्रकाशन परिचय
245
क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय
प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1514 त्रीणि छेदसूत्राणि [दशाश्रुतस्कन्ध, आगम प्रकाशन समिति, संयो., आद्य संपा.-मिश्रीमलजी |2048 (1) 548 (B)
बृहत्कल्प, व्यवहारसूत्र] TREENI ब्यावर {जिनागम मुनि, संपा.-कन्हैयालालजी मुनि CHHEDSUTRANI
ग्रंथमाला ग्रंथांक 32 आ} (कमल), तिलोक मुनि [Dashashrutskandha, Brihatkalpa, Vyavhar Sutras] (दशाश्रु.सूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि कृत (हिं.) अनु., तिलोक मुनिजी कृत विवे.} {दे.ना.} [T, S] {793, 806, 814, 817, 827, |837, 840, 855, 863}
1517
1515 45-आगमसुत्ताणि [ओहनिज्जुत्ति- आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 116 (C)
पिंडनिज्जुत्ति] {ओ.नि.सूत्र और पिंड.सूत्र सह भाष्य} {दे.ना., गु.)
{1167,1168,1444,1445) 1516 पर्यंत आराधना सूत्र (अवचूरि. |जिनशासन आराधना अप्रदर्शित
2052 76 (D) अनुवाद साथे) तथा पुण्यप्रकाशन ट्रस्ट, (P) कुंवरजी
(पु.मु.) स्तवन प्रमाद परिहार कुलक आणंदजी शाह (सानुवाद) {आरा.प्रक. सह अवचूरि, कुंवरजी आणंदजी शाह कृत (गु.) अनु., विनयविजयजी उपा. कृत पुण्य-प्रकाश का स्तवन और उत्त.सूत्र की श्रीकरण उपा. कृत सज्झाय) {दे.ना., गु.} {892, 1511, 1512, | 1513, 1516) मंजिल के पड़ाव [स्थानांग एवं जैन विश्व भारती प्रधान संपा.-दुलहराजजी मुनि, 2054 (2) |216 (C) दशवैकालिक सूत्र पर आधारित {प्रज्ञापर्व प्रवचनमाला 8} |संपा.-धनंजयजी मुनि प्रवचन) {स्था.सूत्र और दश.सूत्र के महाप्रज्ञजी कृत (हिं.) प्रव.32+10}
{दे.ना.} [T] {172, 1110) 1518 आगम सुत्ताणि (सटीक)
आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2056 (अ.) |496 (C) [नन्दी-चूलिकासूत्रं, अनुयोगद्वार-चूलिकासूत्र] {नंदीसूत्र सह मलय. टीका, ल.नं.सूत्र और यो.नं.सूत्र मूल, अनु.सूत्र सह मलधारीय टीका) भाग 30 {दे.ना., गु.} {1283, 1284, 1285, 1288, 1329,1332) आगम सुत्ताणि (सटीक)
आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2056 (अ.) |288 (C) (दशाश्रुतस्कन्ध-छेदसूत्रम्, जीतकल्प-छेदसूत्रम्, महानिशीथ-छेदसूत्रम्) {दशाश्रु.सूत्र सह नियुक्ति, चूर्णि; जीत.सूत्र सह सिद्धसेन गणिजी कृत चूर्णि और
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