Book Title: Agam 41 Pindnijutti Beiyam Mulsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 6
________________ डगलगसरक्खसूई पिप्पलमाई उ उवओगो ।। [४९] वाउक्काओ तिविहो सच्चित्तो मीसओ य अच्चित्तो । सचित्तो पुण दुविहो निच्छयववहारओ चेव ।। गाहा-५० । [५०] सवलय घनतनुवाया अइहिम अइदुद्दिणे य निच्छयओ । ववहार पाइणाई अक्कंताई य अच्चित्तो ।। [५१] अक्कंतधंतघाणे देहानुगए य पीलियाइसु य । अच्चित्त वाउकाओ व एवविहो भणिओ कम्मट्ठमहणेहिं ।। [१२] हत्थसयमेग गंता दइओ अच्चित्तु बीयए मीसो । तइयंमि उ सचित्तो वत्थ [१३] निद्धेयरो य कालो एगतिसिणिद्धमज्झिमजहन्नो | लुक्खोवि होइ तिविहो जहन्नमज्झो य उक्कोसो || [१४] एगंतसिणिद्धमी पोरिसिमेगं अचेअणो होइ । बिइयाए संमीसो तइयाइ सचेयणो वत्थी ।। [५५] मज्झिमनिद्धे दो पोरिसीउ अच्चित्त् मीसओ तइए । चउत्थीए सच्चित्तो पवणो दइयाइ मज्झगओ ।। [५६] पोरिसितिगमच्चित्तो निद्धजहन्नंमि मीसग चउत्थी । सच्चित्त पंचमीए एवं लुक्खे ऽवि दिनवुड्ढी [१७] दइएण वत्थिणा वा पओयणं होज्ज वाउणा मणिणो । गेलन्नंमि व होज्जा सचित्तमीसे परिहरेज्जा ।। [५८] वणसइकाओ तिविहो सच्चित्तो मीसओ य अच्चित्तो । सच्चित्तो पुण दुविहो निच्छयववहारओ चेव ।। [५९] सव्वोऽवऽनंतकाओ सच्चित्तो होइ निच्छयनयस्स | ववहारस्स य सेसो मीसो पव्वायरोट्टाई ।। [६०] पुप्फाणं पत्ताणं सरडुफलाणं तहेव हरियाणं । वेंटमि मिलाणंमि नायव्वं जीवविप्पजढं ।। [६१] संथारपायदंडगखोमिय कप्पा य पीढफलगाई ।। ओसहभेसज्जाणि य एमाइ पओयणं बहुहा ।। TE२बियतियचउरो पंचंदिया य तिप्पभिड जत्थ उ समेति । सट्ठाणे सट्ठाणे सो पिंडो तेण कज्जमिणं ।। [६३] बेइंदियपरिभोगो अक्खाण ससिप्पसंखमाईणं । तेइंदियाण उद्देहिगादि जं वा वए वेज्जो ।। [६४] चरिंदियाण मच्छियपरिहारो चेव आसमक्खिया चेव । पंचेंदियपिंडंमि उ अव्ववहारी उ नेरइया ।। [६५] चम्मट्ठिदंतनहरोमसिंग अविलाइछगणगोमुत्ते । दीपरत्नसागर संशोधितः] [5] [४१-पिंडनिज्जुत्ति]

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