Book Title: Agam 34 Nisiha Chheysutt 01 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उहेसो-२ (१०१) जे भिक्यू अनयरं भोयण-जायं पडिगाहेत्ता सुमि-सुल्मि मुंजति दुझि-दुमि परिद्यवेति परिहवेंत या सातिञ्जति ।।३।43 (१०२) जे भिक्खू अन्नयरं पाणग-जायं पडिगाहेत्ता पुष्फय-पुष्फयं आइयइ कसायं कसायं परिष्कृयेति परिहवेंतं वा सातिञ्जति ।।४1-44 (१०३) जे भिक्खू मणुण्णं भोयण-जायं बहुपरियावण्णं अदूरे तत्य साइम्पिया संमोइया समणुण्णा अपरिहारिया संता परिवसंति ते अणाणपुच्छित्ता अणिमंतिया परिट्ठदेति परिहवेंतं या सातिअति।।५।-45 (१०४) जे भिक्खू सागारिय-पिंडं गिण्हति गिण्हतं वा सातिजति १६|-46 (१०५) जे भिक्खू सागारिय-पिंड मुंजति भुजंतं वा सातिजति ।१७।-47 । (१०६) जे भिक्खू सागारिय-कुलं अजाणिय अपुच्छिय अगवेसिय पुव्यामेव पिंडवायपडियाएअनुपविसति अनुप्पविसंतं वा सातिजति ।४८1-48 (१०७) जे भिक्खू सागारिय-नीसाए असणं वा पाणं वा खाइम वा साइमं वा ओभासियओमासिय जायति जायंतंवा सातिजति ।।९।-4B (१०८) जे भिक्खू उडुबद्धियं सेजा-संथारयं परं पज़ोसवणाओ उवातिणाति उपातिणंतं वा सातिजति ।५०1-50 (१०९) जे भिक्खू वासावासियं सेजा-संथारयं परं दसरायकप्पाओ उवातिणाति उवातिणतं वा सातिजति ।५१1-51 (११०) जे भिक्खू उडुबद्धियं वा वासावासियं वा सेज्जा-संथारगं उवरि सिजमाणं पेहाए न ओसारेति न ओसारेत वा सातिजति ।।२।-52 (१११) जे भिक्खू पाडिहारियं सेजा-संथारयं दोचं अणणुण्णवेत्ता बाहिं नीति नीणेतं वा सातिजति ५३।-53 (११२) जे भिक्खू सागारियसंतियं सेञ्जासंथारयं अनुण्णवेत्ता बाहिं नीणेति नीणेतं वा सातिजति।५४1-54 (११३) जे भिक्खू पाडिहारियं सागारियसंतिवं वा सेञ्जासंथारय दोघंपि अनुण्णवेता बाहिं नीति नीणेतं वा सात्तिजाति।५५/-65 (७१४) जे भिक्खू पाडिहारियं सेना-संथारयं आयाए अपडिहट्ट संपब्बयइ संपव्ययंत वा सातिझति५६।-58 (११५) जे भिक्खू सागारिय-संतियं सेजा-संधारयं आयाए अविगरणं कटु अणप्पिणित्ता संपव्वयइ संपव्ययंतं वा सातिन्जति ५७१-50 (११६) जे भिक्खू पाडिहारियं वा सागारिप-संतियं वा सेजा-संधारयं विपणट्ठणं गवेसति न गवसंतं वा सातिजति ।५८1-58 (११७) जे भिक्खू इत्तरियपि उवहिं न पडिलेहेति न पडिलेहेतं वा सातिजति-तं सेवमाणे आवजई मासियं परिहाराणं उघातियं ॥५९159 विइओ उद्देतो सफ्तो. तइओ-उद्देसो (११८) जे भिक्खू आगंतारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावतिकुलेसु वा परियावसहेसु वा For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90