Book Title: Agam 34 Nisiha Chheysutt 01 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 59
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५० निसी - १४/८७ (१७) जे भिक्खू अइरेगं पडिग्गहं गणिं उद्दिसिय गणिं समुद्दिसिय तं गणि अणापुच्छिय अणामंतिय अण्णमण्णस्स चियाति वियरंतं वा सातिञ्जति ।५।-5 (८६८) जे भिक्खू अइरेगं पडिगहं खुडगस्स वा खुड्डियाए वा थेरगस्स वा घेरियाए वाअहत्थच्छिण्णस्स अपायच्छिण्णस्स अकग्णच्छिपणस्स अणासच्छिण्णस्स अपोट्टच्छिण्णस्स सक्कस्स-देति देंतं वा सातिजति1६18 (८६२) जे भिक्खू अरेगं पडिग्गहं खुडगस वा खुड्डियाए वा जाव ओढ़च्छिण्णस्स असककस्स-न देति न देंतं वा सातिजति 1७1-7 (८७)जे भिक्खू पडिग्गहं अनलं अधिरं अधुर्व अधारणिनं धरेति धरैत वा०८ (८७१) जे भिक्खूपडिगहं अतं थिरंधुवं धारणिज्जं न धरेति न धोतं वा सा०।९७ (८७२) जे मिक्खू वण्णमंतं पडिग्गहं विवण्णं करेति करतं या सातिजति 19010 (८७३) जे भिक्खू विवण्णं पडिग्गहं वण्णमंतं करेति करेंतं वा सातिजति।99811 (८७४) जे भिक्खू नो नवए मे पडिग्गहे लढे त्ति कट्ट सीओदग-वियडेण वा उसिणोदगविपडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा सातिञ्जति।१२|-14 (८७५) जे भिक्खू नो नदए मे पडिग्गहे लद्धे त्ति कट्ट बहुदेवसिएण सीओदग-वियडेण वा उसिणोदग-वियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोतं या सातिञ्जति ।१३।-17 (८७६) जे भिक्खू नो नवए मे पडिग्गहे लद्धे ति कट्ट ककूकेण वा लोदेण वा चुण्गेण वा वण्णेण वा आघंसेज वा पघंसेज या आघसंतं या पघंसतं वा सातिजति ।१४१-13 (८७७) जे मिक्खू नो नवए मेपडिग्गहेलद्धेति कट्ट बहुदेवसिएण ककेण वा लोद्धेण या चुण्णेण वा वण्णेण वा आघंसेज वा पघंसेज वा आघंसंतंया पघंसंतं वा सातिजति।१५१-16 (१७) जे भिक्खू दुमिगंधे मे पडिग्गहे लढे ति कटु सीओदग-वियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेश वा उच्छोलेंतं या पधोवेंतं वा सातिजति।१६।-20 (८७९) जे मिक्खू दुब्मिगंधे मे पडिग्गहे लद्धे त्ति कटु बहुदेवसिएण सीओदग-वियडेण या उसिणोदग-वियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं या पधोवेंतं या सात्तिशति ।१७।-22 (10) जे भिक्खू दुधिगंधे मे पडिग्गहे लद्धे त्ति कट्ट कक्केण वा लोद्धेण वा चुण्णेण वा यण्णेण या आघंसेज या पघंसेझ वा आसंघतं वा पघंसंतं वा सातिजति।१८1-19 (८८१) जे भिक्खू दुमिगंधे मे पडिगहे लद्धे त्ति कट्ट बहुदेसिएण कककेण वा लोद्धेण या चुण्णेण या वण्णेण वा आघंसेज वा पघंसेज वाआघंसंतं वा पघंसंतं वा सातिलति।१९।-23 (८८२) जे भिक्खू अनंतरहियाए पुढयीए पडिग्गहं आयावेज वा पयावेझ वा आयातं या पयावेतं वा सातिञ्जति ।२०1-24 Lec३) जे मिक्ख ससिणिद्धाए पढवीए पडिग्गहं आयावेज वा जाव सात्तिज्जति।२01-25 (ear) जे भिक्खूससरक्खाए पुढवीए पडिग्गहं आयावेज वा जाव सातिञ्जति १२२१ -26 (८८५) जे मिक्खू मट्टियाकडाए पुढवीए पडिग्गहं आयावेज जाव सातिजति २३1-27 (८८६) जे भिक्खू चित्तमंताए पुढवीए पडिग्गहं आयावेज वा जाव सातिजति।२४।-28 (८८७) जे भिक्खूचित्तमंताए सिलाए पडिग्गहं आयावेज वा जाव सातिअति ।२५।-29 (८८4) जे मिक्खूचित्तमंताए लेलूए पडिग्गहं आयावेज वा जाव सातिजति ।२६:30 (८८९) जे भिक्खू कोलावासंसि वा दारुए जीयपइटिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सओस्से सउदए सउत्तिंग-पणग-दग-मट्टिय मक्कडा संताणगंसि पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयावेंतं वा पयावेंतं या सातिझति।२७/31 For Private And Personal Use Only

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