Book Title: Agam 34 Nisiha Chheysutt 01 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 32
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उदेसो-६ मक्खेत्तावाअन्नयरेणधूवण-जाएणं] धूवेजवापधूचेञवाधूवेंतंवापधूवेंतंबासातिजति।१८-18 (११) जे भिक्खू माउग्गापस्स मेहुण-वडियाए कसिणाई वत्थाई धरेति धरेत वा सातिजति।१९६-19 (४१२) जेभिक्खू माउगमस्त मेहुण-घडियाए अहवाइंधत्याइं धरेति धरेतं वा०।२01-20 (४१३) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए धोय-रताई वत्याई धरेति धरेत वा सातिअतिजे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए मलिणाई वत्याइंधरेति घोतं वा सातिजति।२१:21 (४१४) जेभिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए चित्ताई यत्याई धरेति धरेत वा०।२२22 (४१५) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए विचित्ताई वस्थाई धरेति धरतं वा सातिनति।२३।-23 (४१६) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो पाए आमजेज वा पमज्जेज्ज वा आमजंतं वा पमजंतं वा सातिजति।२४।-24 (११७) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-घडियाए अप्पणो पाए संवाहेन वा पलिमद्देन वा संवाहेंतं वा पलिम तं वा सातिजति।२५।-25 (१८) [जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो पाए तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा नवणीएण वा अब्बंगेज वा मक्खेज वा अमंगेतं वा मक्खेंतं वा सातिजति।२६।-28 (११) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो पाए लोद्धेण वा कक्केण वा चुग्गेण वा षण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्यहेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वडेतं वा सातिजति २७-27 (२०) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो पाए सीओदग-वियडेण वा उसिणोदग-वियडेण वा उच्छोलेज या एघोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा सातिजति।२८1-29 (२१)जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो पाए फुसेज वारएन वा फुतं वा रएंतं वा सातिञ्जति।२९।-29 (४२२} जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो कायं आमजेश वा पम झ वा आमजंतं वा पमजंतं वा सातिजति।३०130 (१२३) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो कायं संवाहेज वा पलिमद्देन वा संवाहेंतं वा पलिम तं वा सातिअति।३१।-31 (१२४) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो कायं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा नवणीएण वा अब्मंगेज या मक्खेज वा अमंगेत वा पक्खेंतं वा सातिजति।३३। 32 (४२५) जे मिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणी कायं लोद्धेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण या उल्लोलेज या उबट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदृतं वा सातिजति।३३1-33 (२६) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो कायं सीओदग-वियडेण वा उप्तिणोदग-वियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं या पधोएंतं वा सातिञ्जति।३४-34 (१२७) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो कायं फुसेज वा रएज वा फुभेत वा रएंत वासातिज्जति।३५/-35 (१२८) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो कार्यसि वणं आमझेज वा पमञ्जन घा आमजंतं या पमजंतं वा सातिजति ।३६।-38 (४२१) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो कार्यसि वणं संवाहेज वा For Private And Personal Use Only

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