Book Title: Agam 34 Nisiha Chheysutt 01 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 34
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - नदेसोअंगुलीए निवेसिय-निवेसिय नीहरेंतिनीहरत वा सातिजति ।४८1-4B (४१) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो दीहाओ नह-सिहाओ कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंत या सातिजति।।९।-49 (४२) जे भिक्खू माउणामस्स मेहुण-चडियाए अप्पणो दीहाई जंघ-रोमाई कप्पेन वा संठवेज वा कप्तं वा संठर्वेतं या सातिजति।५०1-50 (४३) जे भिक्खू माउ'गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो दीहाई वत्यि-रोमाई कप्पेज वा संठवेश या कप्त वा संठवेंतं सातिजति ।५१:51 (४४४) जेभिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो दीह-रोमाइं कप्पेन या संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा सातिजति ।५२१-52 (५) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडिवाए अप्पणो दीहाई कक्खाण-रोमाइंकप्पेञ्ज वा संठवेन वा कप्तं वासंठवेंतं वा सातिञ्जति।५३)-53 (art) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो दीहाई मंसु-रोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा सातिझति।५४1-54 (rrs) जे भिक्खू माउग्गामास मेहुण-चडियाए अप्पणो दंते आघंसेज वा पघंसेज वा आघसंतं वा पसंतं वा सातिजति ५५1-53 (art) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो दंते उच्छोलेज वा पधोएन वा उच्छोलेंत या पधोएतं या सातिञ्जति।५६-56 (rr९) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो दंते फुमेन वा रएला या फुतं वा रएतं वा सातिजति।५७।-57 (४५०) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो उहे आमशेज वा पमसेन वा आमजंतं या पमजंतं वा सातिजति 1५८1-58 (५१) जे भिक्षू माउगामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो उडे संवाहेज वा पलिमद्देन वा संवाहेंत वा पलिमर्दृतं या सातिजति ५९।-60 (४५२) जे भिक्खू माउगास्स मेहुण-वडियाए अप्पणो उठे तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा नवीएण वा अम्मंगेज या मखेज वा अमंगेतं चामखेंतं वा सातिजति ।६०1-60 (४५३) जे भिक्खू पाउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो उट्टे लोद्धेण वा कक्केण या चुपणेण यायपणेण वा उप्लोलेज या उव्यद्देशचा उल्लोलेंत वा उव्वटेंतं वा सातिति।६१1-81 (४५१) जे भिक्खू माउणामस्स पेहुण-वडियाए अप्पणो उट्टे सीओदग-वियडेण वा उसिणोदग-वियेडण वा उच्छोलेज या पधोएज्ज वा उच्छोलतं वा पधोएंतं या सातिञ्जति ६२१-62 (४५५) जे भिक्खू माउणामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो उढे फुमेज वा रएज्जा चा फुतं या एंत या सातिजति।६३163 ४५६) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो दीहाइं उत्तरो?-रोमाई कप्पेज वा संठवेन वा कप्तं वा संठवेंतं वा सातिजति, जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो दीहइंनासा-रोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कम्पेंतं वा संठवेंतं वा सातिजति।६४1-84 (४५७) जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण-वडियाए अप्पणो दीहाई अछि-पत्ताई कप्पेश या संठवेझ या कप्त वा संठवेंतं वा सातिञ्जति।६५/-65 For Private And Personal Use Only

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