Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 809
________________ ७९४ - - - ज्ञाताधर्मकघाजमचे अज्जा पुप्फचूलाए अज्जाए एयमद्रं नो आढाइ जाव तुसिणीया संचिटइ, तएणं ताओ पुप्फचूलाओ अज्जाओ कालिं अजं अभिक्खणं२ हीलेंति जिंदंति खिसंति गरिहंति अवमण्णति अभिक्खणं२ एयम, निवारेंति, तएणं तीसे कालीए अज्जाए समणीहिं णिग्गंथीहिं अभिक्खणं२ हीलिज्जमाणीए जाव वारिज्ज माणिए इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था जया णं अहं अगारवासमझे वसित्था तया णं अहं सयवसा जप्पिभिई च णं अहं मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया तप्पभियं च णं अहं परवसा जाया, तं सेयं खल मम कलं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलंते पाडिका उवस्सयं उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तएत्तिकट्ट एवं संपेहेइ संहिता कल्लं जाव जलंते पाडिएकं उवस्सयं गिण्हइ, तत्थणं सा अणिवारिया अणोहडिया सच्छंदमई अभिक्खणं२ हत्थे धोवइ जाव आसयइ वा सयइ वा, णीसेहेइ वा, तएणं सा काली अज्जा पासस्था पासस्थविहारी ओसण्णा ओसण्णविहारी कुसीला कुसीलविहारी अहाछंदा अहाछंदविहारी संसत्ता संसत्तविहारी बहूणि वासाणि सामनपरियागं पाउणइ पाउणित्ताअद्धमसियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेइ झुसित्ता तीसंभत्ताई अणसणाए छेएइ छेइत्ता तस्स ठाणस्स अणालोइय अपडिकंता कालमासे कालं किच्चा चमरचंपाए रायहाणीए कालवडिसए भवणे उववायसभाए देवसणिज्जंसिदेवदूसंतरिए अंगुलस्सअसंखेज्जइ भागमत्ताए ओगाहणाए कालीदेवित्तए उववण्णा, શ્રી જ્ઞાતાધર્મ કથાંગ સૂત્રઃ ૦૩

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