Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text ________________
-
शाताधर्मकथाडसूत्रे अथ दशमो वर्गः प्रारभ्यते-दसमस्स' इत्यादि।
मूलम्-दसमस्स उक्खेवओ, एवं खलु जंबू ! जाव अट्ठ अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा-कण्हा य कण्हराई रामा तहरामरक्खिया वसू य । वसुगुत्ता वसुमित्ता वसुंधरा चेव ईसाणे ॥१॥ पढमज्झयणस्स उक्खेवओ, एवं खलु जंबू! तेणं कालेणं तेणं समएणं कण्हादेवी ईसाणे कप्पे कण्हवडेंसए विमाणे सभाए सुहम्माए कण्हंसि सीहासणंसि सेसं जहा कालीए एवं अवि अज्झयणा कालीगमएणं गेयव्वा, णवरं पुत्वभवे वाणारसीए नयरीए दो जणीओ रायगिहे नयरे दो जणीओ सावत्थीए नयरीए दो जणीओ कोसंबीए नयरीए दो जणीओ, रामे पिया धम्मा माया सव्वओऽवि पासस्स अरहओ अंतिए पव्वइयाओ पुप्फचूलाए अजाए सिस्सिणीयत्ताए ईसाणस्त अग्गमहिसीओ ठिई णव पलिओवमाइं महाविदेहे वासे सिज्झिहिंति बुन्जिहिंति मुच्चिहिंति सव्वदुक्खाणं अंतं काहिति। एवं खलु जंबू ! णिक्खेवओ दसमवग्गस्ल ॥ सू० १५॥
॥दसमो वग्गो समत्तो ॥ १०॥ टीका-'दसमस्से' ति दशमस्य उत्क्षेपकः । एवं खलु हे जम्बूः ! यावत् अष्ट-अध्ययनानि प्रज्ञप्तानि तद्यथा-तानि गाथया प्रदर्श्यन्ते 'कण्हे ' त्यादि । सब महाविदेह क्षेत्र से सिद्ध अवस्था प्राप्त करेंगी-यावत् सर्व दुःखों का अन्त करेंगी। सू०१४ ॥
॥ नवमवर्ग समाप्त ॥ છે. આ બધી મહાવિદેહ ક્ષેત્રમાંથી સિદ્ધ અવસ્થા પ્રાપ્ત કરશે યાવત સર્વ हुमानो मत ४२ ॥ सूस १४ ॥
નવ વર્ગ સમાપ્ત.
श्री शताधर्म अथांग सूत्र : 03
Loading... Page Navigation 1 ... 859 860 861 862 863 864 865 866 867