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__ सेयनो सुलभे फासुए उंछे अहेसणिजे नो य खलु सुद्धे इमेहिं पाहुडेहिं, तंजहा छायणाओ लेवणओ संथारदुवारपिहणओ/ पिंडवाएसणाओ, से य भिक्खू चरियारए ठाणरए निसीहियारए सिज्जासंथारपिंडवाएसणारए, संति भिक्खुणो एवमक्खाइणो उज्जुया नियागपडिवना अमायं कुव्वमाणा वियाहिया, संतेगइया पाहुडिया उक्खित्तपुव्वा भवइ, एवं निक्खित्तपुव्वा भवइ, परिमाइयपुव्वा भवइ, परिभुत्तपुव्वा भवइ, परिद्ववियपुव्वा भवइ, एवं वियागरेमाणे समियाए वियागरेइ ?, हंता भवइ । ३१०१ से भिक्खू वा० से ज पुण उवस्सयंजाणिज्जा खुड्डियाओखुड्डदुवारियाओ निययाओ संनिरुद्धाओ भवन्ति, तहप्पगा० उवस्सए राओवा वियाले वा निक्खममाणे वा ५० पुरा हत्थेण वा पच्छा पाए वा तओ संजयामेव निक्खमिज वा २, केवली बूया आयाणमेयं, जे तत्थ समणाण वा माहणाण वा छत्तए वा मत्तए वा दंडए वा लट्ठिया वा भिसिया वा नालिया वा चेलं वा चिलिमिली वा चम्मए वा चम्मकोसए वा चम्मच्छेयणए वा दुब्बद्धे दुनिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले भिक्खू यराओ वा वियाले वा निक्खममाणे वा २ पयलिज वा २,से तत्त पयलमाणे वा० हत्त्थं वा० लूसिज्ज वा पाणाणि वा ४ जाव ववरोविज वा, अह भिक्खूणं पुव्वोवइ8 जं तह० उवस्सए पुरा हत्थेण निक्ख० वा पच्छ। पाएणं तओ संजयामेव नि० पविसिज वा ।३१११ से आगंतारेसु वा० अणुवीय उवस्मयं जाइजा, जे तत्थ ईसरे जे तत्त समहिद्वाए ते उवस्मयं अणुत्रविजा काम खलु आउसो ! अहालंदं अहापरित्रायं वसिमसामो जाव आउसंतो ! जाव आउसंतस्स उवस्सए जाव साहम्मियाई ततो उवस्मयं गिहिस्सामो तेण परं विहरिस्सामो १३१२ से भिक्खू वा० जस्सुवस्सए संवसिजा तस्स पुव्वामेव नामगुत्तं | ॥श्रीआचाराङ्ग सूत्र
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पू. सागरजी म. संशोधित
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