Book Title: Acharanga Sutra Part 05
Author(s): Manekmuni
Publisher: Mohanlal Jain Shwetambar Gyanbhandar

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Page 353
________________ 133४] वणा-नो निग्गंथे अभिक्खणं २ इत्थीणं कहं कहित्तए सिया, केवली बूया-निग्गंथे णं अभिक्खणं २ इत्थीणं कहं कहेमाणे संतिभेया संतिविभंगा संतिकेवलीपन्नत्ताओ धम्माओ भं. सिजा, नो निग्गंथे णं अभिक्खणं २ इत्थीणं कहं कहित्तए सियत्ति पढमा भावणा १। अहावरा दुच्चा भावणा--नो निग्गंथे इत्थीणं मणोहराई २ इंदियाई आलोइत्तए निज्झाइ. त्तए सिया, केवली बूया-निग्गंथे णं इत्थीणं मणोहराई २ इंदियाइं आलोएमाणे निज्झाएमाणे संति भेया संति विभंगा जाव धम्माओ भंसिजा नो निग्गंथे इत्थीणं मणोहराई २ इंदियाई आलोइत्तए निज्झाइत्तए सियत्ति दुच्चा भावणा२। अहावरा तच्चा भावणा-नो निग्गंथे इत्थीणं पुवरयाई पुव्वकीलियाई सुमरित्तए सिया, केवली बूया-निग्गंथे णं इत्थीणं पुव्वरयाई पुव्वकीलियाई सरमाणे संतिभेया जाव भसिजा, नो निग्गंथे इत्थीणं पुवरयाइं पुव्वकीलियाई सरित्तए सियत्ति तचा भावणा ३ । अहावरा चउत्था भावणानाइमत्तपाणभोयणभोई से निग्गंथे न पणीयरसभोयणभोई से निग्गंथे, केवली बूया-अइमत्तपाणभोयणभोई से निग्गंथे पणियरसभोयणभोई संतिभेया जाव भंसिजा, नाइमत्तपाणभोयणभोई से निग्गंथे नो पणीयरसभोयणभोइत्ति चउत्था भावणा ४ । अहावरा पंचमा भावणा-नो निग्गंथे इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणामणाई सेवित्तए सिया, केवली बूयानिग्गंथे णं इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवेमाणे संतिभेया जाव भंसिजा, नो निग्गंथे इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई

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