Book Title: Abhidhan Chintamani
Author(s): Hemchandracharya, Nemichandra Siddhant Chakravarti, Hargovind Shastri
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan
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विविध भोज्य पदार्थों तथा हाट-बाजार आदि-आदि अनेक नामोंके पर्याय दिये हैं।
प्रस्तुत ग्रन्थकी महत्त्वपूर्ण विशिष्टता यह है कि ग्रन्थकारोक्त शैलीके अनुसार कविरूढिप्रसिद्ध शतशः यौगिक पर्यायोंकी रचना करके पर्याप्त संख्यामें पर्याय बनाये जा सकते हैं; किन्तु अमरकोषमें उक्त या अन्य किसी भी शैलीसे पर्याय-निर्माणकी चर्चातक नहीं की गयी है।
उपरिनिर्दिष्ट विवेचनसे यह स्पष्ट हो जाता है कि अमरकोषादि ग्रन्थोंकी अपेक्षा प्रस्तुत 'अभिधानचिन्तामणि' ही श्रेष्ठतम संस्कृत कोष है । अतएव यह कथन ध्रुव सत्य है कि प्राचार्य हेमचन्द्र सूरिने इस ग्रन्थकी रचना कर संस्कृत-साहित्यके शब्द-भाण्डारकी प्रचुर परिमाणमें वृद्धिकी है।
काशीनरेश हि. हा. स्वर्गीय श्रीप्रभुनारायणसिंहके राजपण्डित मेरे सम्बन्धी स्व०प० द्वारकाधीश मिश्रजीके भ्रातृज स्व०५० रूपनारायण मिश्र (बच्चा पण्डित ) जीसे कुछ अन्य पुस्तकोंके साथ हस्तलिखित अभिधानचिन्तामणिकी एक प्रति तथा मैथिल विद्याकर मिश्र' प्रणीत हेमचन्द्र सूची प्राप्त हुई।
उसे आद्यन्त अध्ययन करनेके बाद मैंने अमरकोषकी संक्षिप्त माहेश्वरी व्याख्याके ढङ्गपर एक व्याख्या लिखी, किन्तु उक्त व्याख्यासे पूर्णतः सन्तोष नहीं होनेसे मैं उक्त ग्रन्थकी विस्तृत संस्कृत व्याख्याकी खोजमें लगा, 'चौखम्बा संस्कृत सीरीज' ( वाराणसी ) के व्यवस्थापक श्रीमान् बाबू कृष्णदासजी गुप्तसे पता चलनेपर भावनगरमें मुद्रित स्वोपज्ञवृत्ति सहित प्रति मँगवाई और उसी वृत्तिके आधारपर इस 'मणिप्रभा' नामकी टीकाको राष्ट्रभाषामें पुनः तैयार किया। साथ ही इस ग्रन्थकी स्वोपज्ञवृत्तिमें लगभग डेढ़ सहस्रसे अधिक पर्यायोंके निर्देशक 'शेष'स्थ श्लोकोंको भी यथास्थान सन्निविष्ट कर दिया, उक्त वृत्तिमें आये हुए मुलग्रन्थोक्त पर्यायोंके अतिरिक्त यौगिक पर्यायोंके साथ ही अन्याचार्यसम्मत अन्यान्य बहुत-से पर्याय शब्दोंका भी समावेश कर दिया एवं क्लिष्ट विषयोंको विमर्श
और टिप्पणीके द्वारा अधिक सुस्पष्ट एवं सुबोध्य बना दिया । ___ १ "समाप्तेयं हेमचन्द्र-सूची मैथिलश्रीविद्याकरमिश्रप्रणीता ।” हेमचन्द्र-सूचीके अन्तमें ऐसी 'पुष्पिका' लिखी हुई है।
र उक्त सूचीमें "जिनस्य २५ अर्हदादि २४ श्लो०, वृत्ताहतामेकैकं २४ ऋषभेति २६ श्लो०" इत्यादि रूपमें किस अभिधान ( नाम ) के किस शब्दसे आरम्भ कर कितने पर्याय हैं, यह काण्ड तथा श्लोकसंख्याके साथ लिखा गया है।