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अभय रत्नसार।
अंग्रेजी दवाओंमें जो चूर्ण आदि होते हैं, उनमें भी बहुतसे अभक्ष्य पदार्थ मिले होते हैं । अतएव इनसे परहेज़ ही रखना उचित है। माम ।---मछलो, बकरा, हरिन, भेड़ा, चिड़िया आदि जीवोंको मारकर जो मांस प्राप्त होता है, वह महा अशुद्ध तथा अभक्ष्य है। सभी धर्मग्रन्थोंमें मांस खानेको निन्दा की गयी है, तो भी लाग मोटे-ताज़ होनेके लोभसे या जिह्वाके स्वादके लिये दूसरोंके प्राण ले लेते हैं । यह महा अधर्म और पाप-कर्म है।
मांसके अन्दर प्रत्येक रग-रेशमें अनेक त्रस जीव उत्पन्न होते हैं-उसे आगसे उबालने पर भी उसमें जीव उत्पन्न होते रहते हैं। इसी लिये धर्मात्माओंने मांस, अण्डे या मछलियोंका खाना बुरा बतलाया है। ___आजकल कुछ पापियोंने घीमें चर्बी मिलाना शुरू किया है। यह महा पाप है। इसी प्रकार विलायती बिसकुट आदि खाना भी बुरा है--
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