Book Title: Abhayratnasara
Author(s): Kashinath Jain
Publisher: Danmal Shankardas Nahta

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Page 773
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७४२ भक्ष्याभक्ष्य विचार । २७ नारियलका पानी या गरीसे बीज निकाल देनेके दो घड़ी बाद व्यवहारमें लाना चाहिये। २८ पकी इमली, खजूर या पिनखजरके भीतरका बीज निकाल कर दो घड़ी बाद काममें लाना चाहिये। २८ सुपारी पूरी तोडकर * और बदाम तथा अखरोट बीज निकालनेके दो घड़ी बाद खाना चाहिये। कितनी ही चीजे. तुरत अचित्त हो जाती है; पर अपनेको इसका ठीक ज्ञान नहीं, इसलिये दो घड़ी बाद ही उपयोग करना चाहिये। ३० पिस्ते या जायफलका छोकला उतार लेने पर अचित्त है ३१ काला मुनक्का या लाल मुनका जिसमें बीज हो, उसे बीज निकाल कर दो घड़ी बाद खाना । ३२ जरदालूके भीतरकी गुठली निकाल कर दो घड़ी बाद खाना चाहिये। यदि उसके भीतरके बदाम हो,तो उसे मी तोड़कर दो घड़ी बाद खा सकते हैं। ३३ पेड़ परसे तुरतका उतारा हुआ गोंद दो घडी बाद अचित्त हो जाता है। ३४ सूखे अंजीरके बीज तो निकाले नहीं जा सकते। अतः अंजीरका सर्वथा त्याग करना चाहिये। ३६ सचित, त्यागीको उचित है, कि यदि अवित्त पानीके करनेका अवसर न मिले, तो पानीमें थोड़ी-सी शकर या राख डाल देनेसे वह पानी दो घड़ी बाद अचित्त हो जाता है। ऊपर देखी हुई सचित-सम्बन्धी सूचनाओंकी और सचित्त For Private And Personal Use Only

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