________________
प्रतिक्रमण पर जन-चिन्तन
१६१ जहाज सम्बन्धी बातें लिखता है, उसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को निष्पक्ष भाव से प्रतिदिन अपने दैनिक कार्यक्रम के बारे में लिखना चाहिए और अगले दिन उसे सोचना चाहिए कि उसके काम में जो त्रुटियाँ और दोष रह गए हैं, उनके दूर करने में वह कहाँ तक सफल हुआ?
+ पाप विनारा की वंशी है, जिसके कॉटे का ज्ञान मछली को लीलते समय नहीं, बल्कि मरते समय होता है।
पतन में परिणाम का अज्ञान होता है। भावावेश मे जो कुछ होता है, वह मूछित दशा में होता है, और मूर्छा उतर जाने पर हुआ पश्रात्ताप उसे शुद्ध करके आगे बढ़ाता है।
यदि तूने अपनी कोई गलती महसूस की है तो तू अपनी तरफ से उसे फौरन पोछ डाल । दूसरे की गलती या अन्याय को उसके इन्साफ पर छोड़ दे।
गुप्तता का दूसरा पहलू है असंयम । जितना ही अधिक संयम, . उतना ही अधिक खुली पुस्तक का-सा जीवन ।
जब तुम अपने को पढ़ने लगोगे तो देखोगे कि कैसे-कैसे विस्मयजनक पृ व दृश्य सामने आते हैं । __ अपने को पहचानने के लिए मनुष्य को अपने से बाहर निकल कर तटस्थ बनकर अपने को देखना है। . .
___ यह कितनी ग़लत बात है कि हम मैले रहें रहने की सलाह दे!
और दूसरों को साफ