Book Title: Aagam 19 NIRAYAVALIKA Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 2
________________ आगम (१९) “निरयावलिका" - उपांगसूत्र-८ (मूलं+वृत्तिः ) अध्ययनं [-]---------- ------- मूलं [-] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..........आगमसूत्र - [१९], उपांग सूत्र - [०८] "निरयावलिका" मूलं एवं चन्द्रसूरि-विरचिता वृत्ति: NI + + + 2 WGONAMRSANETSAREISRAEESA 9 + - -+-+- +++ + 16 ETANETSAMHENRNETSAREisaeraEYANERIANETSARESHESARIYANETSARKETINGTON श्रीचन्द्रसूरिविरचितवृत्तियुतं प्रत सूत्राक श्री-निरयावलिकासूत्रम् e eshaweTHERS दीप अनुक्रम 5/3omersnersrespees CANAMIKRAMSAGARMERASन्द B E ग्यायाम्भोनिधिधीमद्विजयानन्दसूरिपुरन्दरशिष्यमहोपाध्यायश्रीमदधीरविजयशिष्य - रत्न-अनुयोगाचार्यश्रीमहान विजयगणिभिः संशोधितम् रु. ५०१) श्रेष्टि हरखचंद सोमचंद ह. नेमचंदभाइ मु० सुरत एतस्य प्राशस्य प्रध्यसाहाय्येन, प्रकाशयित्री श्रीआगमोदयसमितिः इदं पुस्तक अमदाबाद(राजनगर )मध्ये शाह वेणीचंद सूरचंद श्री आगमोदय समिति.सेकटरी इत्यनेन युनियनमीन्टिगप्रेसमध्ये टंकशालायां शाह मोहनलालचीमनलालद्वाराप्रकाशितम्।। बीरसंवत् २४४८, पण्य रु०-१२-० प्रतयः ७२० विक्रम संवत् १९७८. सन १९२२, R MEMOMARIJNAAMINMAMATAARAKHARINARRANAGEMARINNERMISERNMEANEERINARMIRAJNIKAMMRDARom I G - - - - - - --+- + - + SARKESMARTERS निरयावलिका-उपाङ्गसूत्रस्य मूल “टाइटल पेज" ~1~

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