Book Title: Aagam 19 NIRAYAVALIKA Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 1
________________ [१९] श्री निरयावलिका (उपांग)सूत्रम् नमो नमो निम्मलदसणस्स। पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः । "निरयावलिका” मूलं एवं वृत्ति: [मूलं एवं चन्द्रसूरि-विरचिता वृत्तिः] [आट्य संपादक: - पूज्य अनुयोगाचार्य श्री दानविजयजी गणि म. सा. ] (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.) | 15/02/2015, रविवार, २०७१ महा कृष्ण ११ jain_e_library's Net Publications ___ मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित....आगमसूत्र-[१९], उपांग सूत्र-[८] “निरयावलिका" मूलं एवं चन्द्रसूरि-विरचिता वृत्तिः

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 ... 42