Book Title: Vivek Manjari Part 02
Author(s): Chandranbalashreeji, Pandit Hargovinddas
Publisher: Jain Vividh Sahitya Shastramala
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[६५१
११३-६१७
६-७
१०६-६१५ ४६-१९२ ९४-६१० ४१-१३१ ८२-६०५
२५-१५ ७५-६०१ ६८-५९२ ४३-१६९ १३५-६३१
२-५
३९-१२०
७४-६००
परिशिष्टम्-२ विवेकमञ्जरीमूलगाथानामकाराद्यनुक्रमः ॥] घोरंतरायकम्माणुसएणं
३२-८८|
| तह परिचयघट्ठाई चउसरणं पडिवन्नो
९८-६१२ | तह लालियं पि तह चउदसरज्जु पमाणे लोए १२२-६२१ तह सत्तमीए बद्धं चुलसीइलक्खसंखासु ७६-६०२ तह सव्वदव्वजोगो चउसरणे पडिवत्ती
तह सुकुमालो तह छम्मासनिराहारो
३५-१०७
तिरियनरामरजणिया जं असुइदुसियं पि हु
९३-६०९
तिव्वतवखग्गखंडिय जं तस्स मए कत्थ वि ६६-५९१
तेउकाया वणस्सइकाया जं दुक्करदुक्करकारउ त्ति
३४-३१ दहभेओ जइधम्मो जं दुट्ठसिगालीए
दिढसिरवेढनिपीडण जं वायाए भणियं
८३-६०५ दीणुद्धरणम्मि धणं जं विहियं सुहकिच्चं
७१-५९३ दुद्रुकम्मवसगा जइ इच्छसि लंघेउं
१४०-६३३ देवनरयतिरियनारय जइ मुणसि पावकम्म
१२८-६२६
धन्नो तह कयपुन्नो जणणी जायइ जाया १०७-६१५
धम्मायरिएण विणा जणणी जाया वग्घी
४०-१२६ धम्माहम्मा पुग्गल जणविम्हयजणणीओ
५५-३४१
धम्मो चिय तुह जणओ जयइ सुरासुरनमिओ ६४-५९० नंदीसरअट्ठावय जस्स जलणेण सीसं
३१-८६ नवनवइकणयकोडी जाणंति जत्थ कत्थ वि ८४-६०५ नाणदंसणचारित्त जिणसमयपसिद्धेसु
७०-५९३
निद्रुवियअट्ठकम्मा जीवो वाहिविलूत्तो
१०२-६१३ | निब्भच्छिय संघट्टिय तं कत्थ बलं तं कत्थ १००-६१३ नीरागमणगुरुसरोवराउ तं जीव ! सुणसु सव्वं .. १४२-६३४ पंचिंदियाइं चउरो तं तिविहं तिविहेणं
७८-६०३ पच्चक्खाइ चउव्विह तं भगवंतं अणहं
६५-५९१
पत्ते धरम्मि पत्ते तम्हा खलु आयहियं
५-७ पयअक्खरमत्ताए तरुणीजणेण धणसंचएण ४२-१४३ परिचत्ताई पनरस तस्स विभूसणमेगं
४-६ | पियमाइमायबंधव
५०-२५८ १२५-६२४. १२१-६२० १३०-६२७
१८-१० ४९-२४३ ९७-६११
७७-६०२ १३८-६३२ ११७-६१९
९५-६१० १३४-६२९ ६३-५९० ९२-६०८ ७९-६०४

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