Book Title: Vivek Manjari Part 02
Author(s): Chandranbalashreeji, Pandit Hargovinddas
Publisher: Jain Vividh Sahitya Shastramala

View full book text
Previous | Next

Page 367
________________ १५ ६९०] [विवेकमञ्जरी सुनन्दा [ ऋषभपत्नी] २०, २१ | सुलसा [ नागप्रिया ] २१२, २१४, ३८९ सुनन्दा [ स्त्रीरत्न] ७८, ८३ सुलसा [ योगिनी] ५५९, ५६०, ५६२, सुनन्दासुत [ बाहुबली] ५६३, ५६७, ५७६ सुन्द [ खरसूनु] ___ ३६० | सुलोचन [ सूरि] सुन्दरपाणि [ पृथिवीपति] ५४४, ५५९ | सुलोचना [नरविक्रमपुत्री] ५३४, ५३५, सुन्दरी [ सुनन्दासुता] २१, २३, ३१, ५३६, ५३७ ३८, ५६, ५७| सुवेग [ दूत] ४२ सुन्दरी [ भूपप्रिया] ४७५ | सुवेल [वेलन्धरवल्लभा] सुन्दरी [ सहदेववल्लभा] ४९५, ४९६ | सुवेल [अद्रि-नृप] ३६५ सुन्दरीमाला [ राज्ञी] ४८८ सुव्रत [स्वामी-आचार्य ] ६९, ११३, ११५, सुप्रभ [ बलदेव] २५९, २६१, २६२ सुप्रभा [ दशरथप्रिया] ३४४| सुषेण [ सेनापति] ३३, ३४, ३६, ३७ सुबाहु [ मुनि] २०, २१ | सुसीमन् [ ग्राम] १०७ सुबाहु [ नृप] ४०८ | सुसेना [ अभयप्रिया ] २०९ सुबुद्धि [ अमात्य] ४० सुस्थित [ आचार्य ]८३, २२९, २४४; २८७ सुभग [ महिषीपाल] १७३, १७५ | सुहस्ति [ स्थूलभद्रशिष्य] १०६, ३३१ सुभद्रा [ जिनदत्तसुता-बुद्धदासप्रिया] । सूर्यहास [खड्ग] ३५४ __ ५३८, ५३९, ५४०, | सेचनक [ हस्तिन्] २२२ ५४१, ५४२, ५४३ सेणा [शकटालपुत्री] सुभूम [चक्रवर्ती ] | सेतु [ नृप] सुमङ्गला [ ऋषभपत्नी] २०, २१| सोम [ नैमित्तिक] सुमति [ मन्त्री] ३७८ सोमदेव [ विप्र] १५९ सुमन्त्र [ मन्त्री] ५३० सोमभु [आर्यरक्षित] १६०, १६१ सुमालि [ नृप] ३६७ सोमयशा [ बाहुबलिसूनु] सुमित्रा [ दशरथप्रिया] ३४४, ३५३, ३५६, सोमशर्मन् [ ब्राह्मण] ३५८,३५९,३६८ सोमा [ द्विजप्रिया ] ८७ सुमुख [ सैनिक] १९३ सोमिला [ विप्रप्रिया] सुमेरुप्रभ [ करी] ३०१ ३०८ सौधर्म [ देवलोक ]७१, ८०, २४४, २८७, सुयशा [ हेमरथप्रिया ] ५४४ ३०१, ४२२, ४८७, ५३६ ९२ १५ ३६५ ४४२ ८७

Loading...

Page Navigation
1 ... 365 366 367 368 369 370