Book Title: Vivek Manjari Part 02
Author(s): Chandranbalashreeji, Pandit Hargovinddas
Publisher: Jain Vividh Sahitya Shastramala
View full book text
________________
१५
२४५,
२४५
परिशिष्टम्-९ विवेकमञ्जरीवृत्तिगतविशेषनाम्नामकाराद्यनुक्रमः ॥]
[६७९ पण्डिता [दासी] १७८, १७९, पुण्डरीक [ अध्ययन]
१४३ १८०, १८४, १८५ | पुण्डरीक [ महापद्मपुत्र-नृप] ३११, ३१३, पद्म [ बलदेव]
३१६, ३१७, ६२५ पद्म [निधि]
८३ | पुण्डरीकपुर [ पुरी] ३७८, ३८१, ३८५ पद्म [हली]
३४४ पुण्डरीकिणी [ नगरी] २४५, ३११, ३१४ पद्मनाभ [ राम] ३८४ पुण्यविनय [ कुमार]
४३९ पद्मरथ [ नृप] २४५ पुरन्दरपुर [ नगरी]
१२० पद्मश्री [ जम्बुभार्या] २४६, २५१ पुरन्दरयशा [स्कन्दकभगिनी] ११३, ११४ पद्मसेना [जम्बुभार्या] २४६, २५२ पुलस्त्य [ नृप]
३५७ पद्मावती [ चेटकपुत्री-दधिवाहनप्रिया ]२०९, पुष्करवर [ द्वीप] ३२१, ३२२, ३२३, | पुष्कर [ विमान ]
४९९ ३२४, ३२३, ३२८ पुष्कल [नलपुत्र ]
४३२ पद्मावती [ महापद्मप्रिया] ३११, ५३८
पुष्फल [विजय] पद्मोत्तर [ क्षोणीपति] २५८, २६१, २६२
पुष्कलावती [विजय] परासर [ विप्र] २५८, २६२, २६२
पुष्पक [विमान ३५५, ३८४, ३८५, ३८८ पवन । [प्रह्लादपुत्र-३६२, ३६४, ३६७,
पुष्पकेतु [ नृप] २६९, २७० पवनञ्जय | हनुमन्पित्रा ]४७७, ४७८, ४७९,
पुष्पचूल [ पुष्पवतीपुत्र] २६९, २७० पवनतनय
४८३, ४८५, ४८९, ४९०, ४९१, ४९२
पुष्पचूला [ पुष्पवती-साध्वी] २६९, पवनगति [ विद्याधर] ४५०, ४७२, ४७३ |
२७०, २७१, २७२ पाटलीपुत्र [ पुर] ९२, १०१, १०२,
पुष्पभद्र [ नगर] १०५, १५४, १५९, १८४
पुष्पवती [ पुष्पकेतुप्रिया] २६९, २७० पाताललङ्का [ नगरी] ३५४, ३५५, ३६०
पुष्पवती [ चन्द्रगतिप्रिया] ३४२ पार्श्वनाथ [ तीर्थकर]
_२९७
पूर्णकलश [ शङ्खपुत्र] पालक [ मन्त्री] ११२, ११३, ११४,
पृथिवीदेवी [ आसडप्रिया] ११५, ३५३ पृथु [ राजा]
३८०, ३८१ पावनञ्जयी [ हनुमन्पिता]
पृथ्वीपुर [ पुरी]
३८० पिङ्गल [स्तेन] ४२४, ४२५ पृष्ठचम्पा [ नगरी] पीठ [ मुनि]
पोतनपुर [ नगर]
१९२ पुण्डरीक [ ऋषभगणधर]
पोतनाधिपति [ प्रसन्नचन्द्रनृप] १९२
२६९
५३३

Page Navigation
1 ... 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370