Book Title: Vivek Manjari Part 02
Author(s): Chandranbalashreeji, Pandit Hargovinddas
Publisher: Jain Vividh Sahitya Shastramala
View full book text
________________
६१
९२
परिशिष्टम्-९ विवेकमञ्जरीवृत्तिगतविशेषनाम्नामकाराद्यनुक्रमः ॥]
[६८३ महाशुक्र [ देवलोक] ३३४, ३३७ | मृगावती [ चेटकपुत्री]
२०९ महेन्द्र [ सनत्कुमारमित्र]
७२ | | मृगावती [ शतानीकप्रिया-चन्दनाशिष्या ] महेन्द्र [विद्याधरेन्द्र ] ४७७, ४७८,
४३३, ५८१, ५८२, ५८३, ४८७,४९३
५८४, ५८६, ५८७ महेन्द्रपुर [ पुर] ४७७, ४८४, ४८९
मेघ [धारिणीपुत्र] ३०७, ३०८, महेन्द्रसिंह [ सनत्कुमारमित्र]
मेघकुमार
३१० महेन्द्रसिंह [ नृप]
३३४ मेघमुख [ सुर]
३४, ३५ महेन्द्रोदय [ उद्यान]
३८५
मेतार्य [क्षमाश्रमण] १६९, १७१ महेश्वर । [अङ्गज] ४९५, ४९६, ४९९,
मेरु [पर्वत]
४९३, ५१९ महेश्वरदत्त _ ५००, ५१० | मेरुप्रभ [करी]
३०९ मागध [ तीर्थ]
मैथिल [ नृप] ३४४, ३४७, ३४८ मागधेश [ मागधतीर्थेश]
मैथिली [ सीता]
३८६ माघ [ मास]
[य] माणवक [स्तम्भ]
यक्षदत्ता [शकटालपुत्री] मानवती [ मानुषी] ___३३१, ३३२ | यक्षा [शकटालपुत्री-आर्या] ९२, १०३, मानस [ सरोवर] ४७८
१०६ मानसवेगा [ महेन्द्रप्रिया ]४७७, ४८८, ४९३ | यज्ञदेव [ द्विज]
११६,११७ मानुषोत्तर [ पर्वत] १५७ यदु [वंश]
८६, ३९२ मायूरमाल [ नगर]
यशोधरा [ चक्रिप्रिया]
२४५ मारीच [गणश]
यशोभद्र [ मुनि-गुरु] २७४, २९२, २९३ मालवेश [ प्रद्योत]
५८५
४२२, ४२३, ४२४ माषतुष [ मुनि] २९४, २९५, २९६ | यशोवर्मा [ सनत्कुमारसुत] ४३४, ४३७,
४४१, ४४३, ४५३, ४५७ माहेन्द्र [ पत्तन]
५३४ माहेश्वरी [ पुरी]
यादव [ यदुवंशीया]
३९१ मित्रभूति [ महल्लक]
युगबाहु [ युवराज] ३९८, ३९९, ४००,
४०१, ४०४, ४०५ मिथिला [ पुरी] ३४२, ३४८,
युगादिजगदीशित | [ प्रथमजिन] १७, २८, ३७८, ४०३, ४०५ युगादिजिन
३७, ३८, मिश्रकेशी [अञ्जनासखी] .. ४७८| युगादितीर्थकृत्
५७,४०८ मुकुटेश्वर [ नृप]
४०८ | युगादिदेव मुनिसुव्रत [ देव]
४८७ | युगादिनाथ
३४४
४३९

Page Navigation
1 ... 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370