Book Title: Veerstuti
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 33
________________ वीर-स्तुति हत्थीसु एरावणमाहु णायं. सीहो मियाणं सलिलाण गंगा । पकावीसु वा गरुले वेणदेवे, निव्वाणवादीणिह नायपुत्ते ॥२१॥ सारे गजों में श्रेष्ठ है गजराज ऐरावत यथा। पशुओं में निर्भय केशरी नदियों में गंगा है यथा ॥ सब पक्षियों में वेणुदेव सुवैनतेय महान है। निर्वाणवादी वृन्द में प्रभु वीर ही परधान हैं ॥२१॥ हाथियों में इन्द्र का गज श्रेष्ठ ऐरावत कहा, केशरी मृग-वृन्द में, गगा नदी उत्तम महा । पक्षियों में गरुड़ पक्षी वेणुदेव महान है, मोक्ष-पथ के नायकों में ज्ञातपुत्र प्रधान हैं ॥२१॥ जिस प्रकार हाथियों में इन्द्र का ऐरावत हाथो मुख्य है, पशुओं में सिंह मुख्य है, नदियों में गंगा नदी मुख्य है, पक्षियों में वेणुदेव गरुड़ पक्षी मुख्य है, उसी प्रकार मोक्ष-मार्ग के उपदेशक नेताओं में ज्ञातपुत्र भगवान महावीर मुख्य थे। टिप्पणी--उक्त उपमाएँ भगवान के मंगलता, निर्भयता, शुक्लता, पवित्रता स्वतंत्रता आदि सद्गुणों को व्यक करती हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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