Book Title: Veerstuti
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 57
________________ ४८ जयइ जगजीव- जोणी वार-स्तुति वियाणओ, जग गुरू जगाणंदो । जग - नाहो जग बंधू, जयइ जगप्पियामहो भगवं ॥ १ ॥ १॥ जयइ जयइ सुयाणं पभवो, तित्थयराणं अपच्छिमो जयइ । लोगाणं, गुरू जयइ - महप्पा महावीरो || २ || नन्दी सूत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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