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जयइ जगजीव- जोणी
वार-स्तुति
वियाणओ, जग गुरू जगाणंदो ।
जग - नाहो जग बंधू, जयइ जगप्पियामहो भगवं ॥ १ ॥
१॥
जयइ
जयइ सुयाणं पभवो, तित्थयराणं अपच्छिमो जयइ । लोगाणं,
गुरू
जयइ
-
महप्पा महावीरो || २ ||
नन्दी सूत्र
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