Book Title: Vastupal Tejpal no Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 45
________________ ( RR ) ति जोरावर बलवंत ते बे, पांच सदस्स तेहनां गाम रे ॥ ३ ॥ ० ॥ तव दूत प्रते मंत्री पूबे, तुज राजा ए शुं नाम रे ॥ वृत्तांत सघलो तेहज कहतो, सांजले सना सहु ताम रे ॥ ४ ॥ रा० ॥ पूरव जवनो मंत्री तेहनो, मरी थयो व्यंतर देव रे ॥ शंख देश व्यंतर कहेतो बांधव, सारे एहनी सेव रे ॥ ५ ॥ रा० ॥ सबल सेना तुं पण जीतीश, एथी होशे तुम्ह जयकार रे || शब्द करता करथी परुशे तव, जीत नहीं निरधार रे ॥ ६ ॥ ० ॥ देवाधिष्ठित शंखज बोले, शंखराय ते जणी नाम रे ॥ एम वचन बोली डूतज दीए, कांचली काजल ताम रे ॥ ७ ॥ रा० ॥ डूतवचन राय अंगे लाग्यां, राये तेड्या निज प्रधान रे ॥ शंख राजा जींपी जे यावे, तेहने देइए बहुलुं मान रे ॥ ८ ॥ ० ॥ तेजपाल लघु बंधव कहीए, बीडुं बबे रायनुं ताम रे ॥ सबल सेना लेइ चाट्यो, जइ करे युद्धनां काम रे ॥ ॥रा० ॥ बुद्धिकला त्यां केलवे, धेनु वाली श्राघो जाय रे ॥ शंख राजा शंख पूरी, सबल सेन लेइ धाय रे ॥ १० ॥ रा० ॥ मंत्री मनमां एमज चिंते, ए मोटो बलवंत राय रे ॥ युद्ध करतां ए नवि हारे, तव समरी माइणदेवी माय रे ॥ ११ ॥ For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org Jain Educationa International

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