Book Title: Vastupal Tejpal no Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 50
________________ (you) राय मारी वश कीधा, तेह तणे शिर दंगज दीधा ॥ ५ ॥ लाट नोट कर्णाट करया वश, महाथली ते पण कीधी वश ॥ मानी मरहमा उजाड्या, सिंहल सोरउमा पग पाड्या ॥ ६ ॥ मालव देश वली मुलताना, कामरु वेराम मोड्या माना ॥ अंग वंग वली तलंगाणा, कोकण देश पड्यां नंगाणां ॥ ७ ॥ गोडदेश पाड्या राय राणा, हलफलीया बीजा हिंदु थाणा ॥ एपी परे सहु देशज वश कीधा, धींगल मल्ल राय साथे लीधा ॥ ८ ॥ एक सदस्स चोराशी गयवर, एकादश सोहे हयवर ॥ सवालक्ष कहीए असवार, पायदलनो नहीं लहीए पार ॥ ए ॥ माहादेवी बे सान्निधकारी, मंत्री आगल सहु जाये हारी ॥ मान तजी ए आज वहीए, मंत्री तथा पदकमल अनुसरीए ॥ १० ॥ जो मंत्री श्वर कोपज चढशे, तो ताहरु भुजबल ते दलशे ॥ तब बोल्यो तटकी ते राणो, मन मांहे ते क्रोधे जराणो ॥ ११ ॥ जा जा त जबानी करतो, तुंहज बोल बोलेश विसरतो ॥ जा रे तुज व णिकने कलेजे, हींग मीतुं वेची पेट जरीजे ॥ १२ ॥ कहे मुज यागल ते कु लेखे, तरु आगल पेखे ॥ तुज स्वामीने हुं इज मारुं, एह तरणं कुण तणुं दल वस्तु० ४ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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