Book Title: Vastupal Tejpal no Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 71
________________ (२० ) नागौद्रा अग्रवाल जोडेर ॥ ५ ॥ बावरसर वधणोरा अस्तकी, अष्टवर्गी ने पद्मावकी ॥ गोलवाल नागोरा नरा, तेरोटा साचोरा खरा ॥ ६ ॥ जामु नागद्रानी ज्ञात, उग्रवाल बाबरनी जात ॥ जानू वली राणा निमाल, कथरोटा कोरंटा वाल ॥ ७ ॥ दाहिल सोनी सोध मयाल, वमीसखा ते कहुं दयाल ॥ राजसखा ने लहुमीसखा, चसखा लहुं दोसखा ॥ ८ ॥ सूराया राजोरा जोय, मेकतवाल मंगोरा होय ॥ आणंदोरा नगरेणा रेख, वी नात वागरु विशेष ॥ ॥ ए चोराशी नातज कही, निज कर्मे अवस्था सही ॥ पूरव पुण्य जेणे पूरा कीध, उंच कुल आवी पामी रिद्ध ॥ १० ॥ महाजन सह त्यां बेठा चंग, वस्तग तेजपाल दुई मनरंग | वे बंधव त्यां बोले बाल, न्यात तणा तुमे बो भूपाल ॥ ११ ॥ एक एक सन्मुख निरखे सोय, प्रधान लाज न लोपे कोय ॥ सही वात समे हो यदा, प्रधान न्यात पहीरावे तदा ॥ १२ ॥ अंग शोजता वाधा दीया, रत्न जति वेढ त्यां यापीया ॥ वारु वींऊणे वीजे वाय, कड़े नात तणो तुहे करो पसाय ॥ १३ ॥ श्रीफल फोफल वली पानज दीए, सहु सजन देखी मंत्री हरखे हिये ॥ For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org Jain Educationa International

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