Book Title: Vastupal Tejpal no Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 89
________________ (1) देखी मंत्री हरखीया ए, तलेटीए दीधां मेव्हाण ॥ म ॥ सिंह शब्द त्यां गूंजता ए, वली वाजिन वजावे सुजाण ॥ म ॥ १०॥ अर्बुद गिरि मंत्री चढे ए, जर नेटे आदि जिनराय ॥ म ॥ अचलगढ जिन पूजीया ए, तेरसें मण सोवनकाय ॥ म० ॥ ११॥ स्नात्रमहोछव करी सांचरे ए, संघ पोहतो देलवामा मांहि ॥ म ॥ विमलवसही देखी हरखीया ए, मंत्री नेटे जय जिनपाय ॥ म ॥ १२ ॥ ॥दोहा॥ ॥ वस्तुपाल मंत्री मन चिंतवे, धन्य विमल मंत्री अवतार ॥ देवल नीपायुं षन तणुं, खरच्युं अव्य अपार ॥१॥ एम जाणी वस्तुपाल हवे, तेडे सूत्र शिलाट | जिनमंदिर नीपजावीए, अव्य दीए मूमा नरीमाट॥२॥राउल तेमी मुंश मूलवे, मुह माग्या दीए दाम ।। चोकम करी नुं चितरे, मूक्यो सोनल बिजगम ॥३॥ते अव्यसंख्या मंत्री करे, बत्रीश मूमा दीए दाम ॥ जिनमंदिर कीधुं रलियामणुं, सूणिकवसही दीधुं नाम ॥४॥संवत् बार नेव्याशीए, नीपन्युं जिनमंदिर सार ॥ बार बाणुं ध्वजारोप की, पट्टासण बेग नेम कुमार ॥५॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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