Book Title: Vajjalaggam
Author(s): M V Patwardhan
Publisher: Prakrit Text Society
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VAJJĀLAGGAM
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भद्धस्थमिए सूरे
722 | बलिया बल व Add. 31 +8 अनबरायरसियं
567 अलियालावे वियसंत 711 अचलगाकयपत्त
707 अवधूयभलक्षण भनमा मेहलया Add. 318*2 अवमाणिओ व्व समाणिो 165 अन्नं तं सयदलियं Add. 349*4 | अवरेण तवा सूरो 642 भरंति हियए
274 भवहरइज न विहिय 673 अन्न न रुच्चा च्चिय 521 अपहिदियहागमा
378 भवं लमहत्तणयं
315 मध्वो जाणामि अहं अत्तण 336 अनासत्ते वि पिए
मध्वो जाणामि अहं तुम्ह 558 भने विगामराया
287 अम्वो जाणामि अहं पेम्म Add.349+6 भबेहि पि न पत्ता
अब्बो तहिं तहिं चिय भन्मो को वि सहावो 390 | मन्चो धावसु तुरियं
490 अन्नोलणेहणिजार Add. 328.1 अन्णे न हुंति थणया अप्पच्छंपहाविर
453 असई असमत्तरया Add. +96*2 भप्पणकज्जेण वि
असईणं विप्पिय रे
489 अप्पस्थियं न लम्मा Add. 161*1 असईहि सई भणिया 481 भपहियं कायन्वं
83
असमत्थमंततंताण अप्पं परं न याणसि
असरिसचित्ते दियरे
465 भपाणं अमुयंता 91 | अह तोडइ नियकंध
151 अबुहा पहाण मझे
| अह भुंजइ सह पिय भमयं पाइयकवं
अह मरइ धुरालग्गो 180 भमया मओ व
309 | अहवा तुज्म न दोसो Add. 421-1 भमरतरुकुमुममंजरि 256 अहवा मरंति गुरुवसण 97 अमुणियगुणो न जुप्पा 183 अह सुप्पइ पियमालिंगिऊण 98 भमुणियजम्मुप्पत्ती Add. 578*1| अहिणवगजियस Add.445*2 अमुणियपथसंचारा
अहिणवघणउच्छलिया 259 अमुणिय पियमरणाए 460 अहिणवपेम्मसमागम 621 अमुहा सलो ब्व कुडिला 302 अहिणि ब्व कुडिलगमणा 560 भम्हाण तिणकुरभोयणाण 216 | अहियाइमाणिणो
462 भलिएण व सच्चेण व 629 अंगारयं न याणइ
507 भलियपयंपिरि
350- अंतोकढत मयणगि Add.318*3 भलियं जंपेइ अणो 72 आठत्ता सप्पुरिसेहि
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